मिजोरम के नए सीएम जोरामथंगा ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ,तीसरी बार बनेंगे सीएम - Find Any Thing

RECENT

Saturday, December 15, 2018

मिजोरम के नए सीएम जोरामथंगा ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ,तीसरी बार बनेंगे सीएम

मिजोरम के नए सीएम जोरामथंगा ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ,20 साल तक रहे अंडर ग्राउंड.
मिजोरम में जोरामथंगा ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. कभी खूंखार उग्रवादी रहे जोरामथंगा तीसरी बार मिजोरम के मुख्यमंत्री बने है. विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट ने प्रदेश में दस साल से सत्ता में काबिज कांग्रेस को करारी शिकस्त दी. 74 वर्षीय जोरामथंगा ने हाल ही में अपनी ऑटोबायोग्राफी भी पूरी कर ली है. वह भारतीय सेना के खिलाफ गुरिल्ला वॉर में भी शामिल रह चुके हैं.
जानते हैं जोरामथंगा के बारे में कुछ खास बातें


20 साल तक रहे अंडरग्राउंड:-
मार्च 1966 में लालडेंगा की अगुवाई वाली नेशनल मिज़ो फ्रंट ने भारत से आज़ादी की घोषणा कर दी थी. नेशनल मिज़ो फ्रंट को लगा था कि सरकार राज्य में आए अकाल से ठीक ढंग से निपट नहीं पाई और निष्क्रिय रही है. एनएमएफ की बगावत पूर्वोत्तर में नगा विरोध के बाद दूसरा सबसे बड़ा विद्रोह था. दोनों पक्षों से मानवाधिकारों के उल्लंघन, हिंसा, लोगों के विस्थापन के बावजूद 1986 में सरकार और एमएनएफ के बीच मिजोरम पीस एकॉर्ड पर हस्ताक्षर हुए और इस समस्या का हल निकाल लिया गया.
जोरामथंगा 1966 में एमएनएफ से जुड़े थे. उस दौरान एमएनएफ एक भूमिगत संगठन के तौर पर काम करता था. इस संगठन में रहते हुए 1966 से 1986 तक करीब 20 साल तक वह अंडर ग्राउंड हो गए थे.
ग्रेजुएट होने की खबर जंगल में मिली:-
जोरामथंगा ने मणिपुर के डीएम कॉलेज से इंग्लिश में ग्रेजुएशन किया है. जब वह एमएनएफ में शामिल हुए तब वह अपने नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. जब उन्हें ग्रेजुएट होने की खबर मिली तब वह जंगल में छिपे हुए थे. उन्हें 1969 में एमएनएफ ‘अध्यक्ष’ लालडेंगा का सचिव नियुक्त किया गया था और वह एमएनएफ पार्टी के उपाध्यक्ष भी रहे. वह एमएनएफ नेता लालडेंगा के करीबी सहयोगी रहे हैं. एमएनएफ के झंडे तले निर्दलीय उम्मीदवारों के एक समूह ने पहली बार 1987 में 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा, जिनमें से जोरामथंगा समेत 24 उम्मीदवार निर्वाचित हुए.
28 सालों से हैं एमएनएफ के अध्यक्ष:-
वह 1989 में हुए विधानसभा चुनावों में चम्फाई सीट से फिर से निर्वाचित हुए. लालडेंगा की फेफड़ों के कैंसर के कारण सात जुलाई,1990 को मृत्यु होने के बाद जोरामथंगा को एमएनएफ का अध्यक्ष बनाया गया और वह आज तक इस पद पर बने हुए है. उन्होंने 1993 में चम्फाई सीट से राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह तीसरी बार जीते और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बने.
तीसरी बार बनेंगे सीएम:-
जोरामथंगा के नेतृत्व वाले एमएनएफ ने 1998 में राज्य विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और 21 विधायकों के साथ सरकार बनाई. वह पहली बार मुख्यमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा किया. उन्होंने 2003 के राज्य विधानसभा चुनाव में सत्ता बरकरार रखी और वह मुख्यमंत्री बने रहे. जोरामथंगा ने चम्फाई सीट और कोलासिब सीटों से जीत दर्ज की. हालांकि उन्होंने कालासिब सीट बाद में छोड़ दी थी. उनकी पार्टी को 2008 के चुनाव में करारी हार झेलनी पड़ी थी और यह पार्टी केवल तीन सीटों तक ही सिमट कर रह गई थी.
आत्मकथा पर बने हॉलीवुड फिल्म:-
ज़ोरामथंगा चाहते हैं फिल्म की तर्ज पर भविष्य में उनकी आत्मकथा पर भी हॉलीवुड की फिल्म बने. उन्होंने कहा कि उनकी आत्मकथा में एक बेहतरीन हॉलीवुड फिल्म बनने का सारा मसाला मौजूद है. उन्होंने कहा उनकी दिलचस्पी बॉलीवुड को अपनी पुस्तक देने में नहीं है क्योंकि उसमें सबकुछ दिखाने की हिम्मत नहीं है. जिसमें भारत सरकार के खिलाफ एमएनएफ की लड़ाई और रणनीतियां शामिल हैं. साथ में अन्य संवेदनशील जानकारी भी शामिल हैं.

No comments:

Post a Comment

Pages