पाकिस्तान हुआ कंगाल,देश चलाने के लिए बचे हैं सिर्फ 1.5 महीने का विदेशी कैश रिजर्व - Find Any Thing

RECENT

Saturday, December 15, 2018

पाकिस्तान हुआ कंगाल,देश चलाने के लिए बचे हैं सिर्फ 1.5 महीने का विदेशी कैश रिजर्व

 पाकिस्तान हुआ कंगाल,देश चलाने के लिए बचे हैं सिर्फ 1.5 महीने का विदेशी कैश रिजर्व.
दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी फिच ने पाकिस्तान की रेटिंग को घटा दिया है. रेटिंग B से घटाकर B- कर दी है. रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि पाकिस्तान के पास सिर्फ 1.5 महीने का विदेशी कैश रिजर्व है. नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ही नहीं वहां के लोग भी टेंशन में आ सकते है. रेटिंग घटने से पाकिस्तान में विदेशी निवेश घट जाएगा. लिहाजा वहां की करेंसी रुपये में तेजी गिरावट आ सकती है. ऐसे में विदेश से चीजें खरीदना महंगा हो जाएगा. सरकार और आम आदमी पर महंगाई बोझ बढ़ जाएगा. इस साल जनवरी से अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान के रुपये में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.
रेटिंग क्यों घटाई :-
फिच का कहना है कि देश पर लगातार बढ़ रहे कर्ज के चलते रेटिंग घटाने का फैसला लिया है. पाकिस्तान के विदेशी पूंजी भंडार में तेज गिरावट आई है. अब देश के पास सिर्फ 1.5 महीने के इंपोर्ट को कवर करने का कैश रिजर्व बचा है. मतलब साफ है कि पाकिस्तान के पास विदेशों से सामान खरीदने के लिए उसके पास सिर्फ 1.5 महीने की पैसा शेष बचा है.
अब क्या होगा:-
एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने न्यूज18हिंदी को बताया कि पाकिस्तान की रेटिंग घटने से उसके कर्ज डिफॉल्ट का खतरा बढ़ गया है. अब उसे अपना कर्ज़ चुकाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. पाकिस्तान की करेंसी में तेज गिरावट आ सकती है. लिहाजा देश में महंगाई बढ़ जाएगी
कौन रेटिंग तैयार करता है:-
रेटिंग तैयार करते समय कंपनियां एजेंसियों के साथ गोपनीय बातों को भी शेयर करती हैं. एजेंसियों को उन बातों का भी पता रहता है जो आमतौर पर सामान्य लोग नहीं जान पाते हैं.अच्छी रेटिंग का मतलब क्या है:-
किसी कंपनी की ऊंची क्रेडिट रेटिंग इस बात की गारंटी नहीं है कि वहां किया जा रहा निवेश पूरी तरह से सुरक्षित है और इस पर निश्चित ही मुनाफा मिलेगा. रेटिंग का मतलब केवल इतना होता है कि ये कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी देती हैं. किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति क्या है इस बारे में निवेशकों को रेटिंग के जरिए जानकारी प्राप्त होती है.खराब रेटिंग का मतलब:-
अगर किसी कंपनी की रेटिंग बहुत नीचे है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह दिवालिया होने की कगार पर है या भविष्य में अच्छा नहीं करेगी. हां जहां तक सूचना की बात है तो यह सच है कि इनके माध्यम से निवेशकों को मोटे तौर पर कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त होती है जिससे लाभ प्राप्त हो सके.

No comments:

Post a Comment

Pages