सरकार की नई योजना के तहत पेट्रोल हो सकता है 10 रुपये सस्ता.
नीति आयोग की देखरेख में सरकार देश भर में 15 फीसदी मेथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल लाने की तैयारी कर रही है. इतना ही नहीं गाड़ियों का ट्रायल भी शुरू हो चूका है. इस पूरी कवायद से पेट्रोल 10 रुपए तक काम हो सकता है. मेथेनॉल कोयले से बनता है. फिलहाल पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल मिलाया जाता है. इसे गन्ने से बनाया जाता है. जिसकी लागत प्रति लीटर 42 रुपये आती है. वहीं, मेथेनॉल की लागत 20 रुपये प्रति लीटर आती है.
जानते है सरकार की नई योजना:-
1-मेथेनॉल से गाड़ियां चलाने की तैयारी पर तेजी से काम हो रहा है.
2-15 फीसदी मेथेनॉल मिले हुए पेट्रोल से गाड़ियां चलनी शुरू हो गई है.
3-नीति आयोग की निगरानी में पुणे में ट्रायल रन शुरू हो चुका है.
4-मेथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल 8-10 रुपये तक सस्ता होगा.
5-पुणे में मारुति और हुंडई की गाड़ियों पर ट्रायल हो रहा है.
6-2-3 महीने में ट्रायल रन के नतीजे आ जाएंगे.
ऐसा क्यों कर रही है सरकार:-
1-एथेनॉल के मुकाबले मेथेनॉल काफी सस्ता है
2-एथेनॉल 40 रुपये प्रति लीटर हैं. वहीं, मेथेनॉल 20 रुपये लीटर से भी सस्ता है.
3-मेथेनॉल के इस्तेमाल से प्रदूषण घटेगा.
कहां से आएगा मेथनॉल:-
1-घरेलू उत्पादन बढ़ाने और इंपोर्ट पर सरकार का फोकस है.
2- राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर,गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन और असम पेट्रोकेमिकल जैसी कंपनियों के क्षमता विस्तार की तैयारी पूरी कर चुकी है.
3-मेथेनॉल इंपोर्ट करने के लिए नीति आयोग ने बोलियां मंगाई है.
4-चीन, मेक्सिको और मिडिल ईस्ट से मेथेनॉल का इंपोर्ट किया जा सकता है.
नीति आयोग की देखरेख में सरकार देश भर में 15 फीसदी मेथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल लाने की तैयारी कर रही है. इतना ही नहीं गाड़ियों का ट्रायल भी शुरू हो चूका है. इस पूरी कवायद से पेट्रोल 10 रुपए तक काम हो सकता है. मेथेनॉल कोयले से बनता है. फिलहाल पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल मिलाया जाता है. इसे गन्ने से बनाया जाता है. जिसकी लागत प्रति लीटर 42 रुपये आती है. वहीं, मेथेनॉल की लागत 20 रुपये प्रति लीटर आती है.
जानते है सरकार की नई योजना:-
1-मेथेनॉल से गाड़ियां चलाने की तैयारी पर तेजी से काम हो रहा है.
2-15 फीसदी मेथेनॉल मिले हुए पेट्रोल से गाड़ियां चलनी शुरू हो गई है.
3-नीति आयोग की निगरानी में पुणे में ट्रायल रन शुरू हो चुका है.
4-मेथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल 8-10 रुपये तक सस्ता होगा.
5-पुणे में मारुति और हुंडई की गाड़ियों पर ट्रायल हो रहा है.
6-2-3 महीने में ट्रायल रन के नतीजे आ जाएंगे.
ऐसा क्यों कर रही है सरकार:-
1-एथेनॉल के मुकाबले मेथेनॉल काफी सस्ता है
2-एथेनॉल 40 रुपये प्रति लीटर हैं. वहीं, मेथेनॉल 20 रुपये लीटर से भी सस्ता है.
3-मेथेनॉल के इस्तेमाल से प्रदूषण घटेगा.
कहां से आएगा मेथनॉल:-
1-घरेलू उत्पादन बढ़ाने और इंपोर्ट पर सरकार का फोकस है.
2- राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर,गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन और असम पेट्रोकेमिकल जैसी कंपनियों के क्षमता विस्तार की तैयारी पूरी कर चुकी है.
3-मेथेनॉल इंपोर्ट करने के लिए नीति आयोग ने बोलियां मंगाई है.
4-चीन, मेक्सिको और मिडिल ईस्ट से मेथेनॉल का इंपोर्ट किया जा सकता है.
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