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Saturday, December 15, 2018

उपेंद्र कुशवाहा को लगा तगड़ा झटका राष्ट्रीय लोक समता पार्टी दो भागों में बंटी

उपेंद्र कुशवाहा को लगा तगड़ा झटका राष्ट्रीय लोक समता पार्टी दो भागों में बंटी.
एनडीए से नाता तोड़ने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा है. उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी दो टुकड़ों में बंट गई. बिहार में रालोसपा के सभी दो विधायकों और इकलौते विधान पार्षद ने राजग के साथ रहने की घोषणा करते हुए रालोसपा पर खुद दावा ठोंक दिया है. इन नेताओं ने खुद को असली रालोसपा का नेता बताते हुए अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर व्यक्तिगत राजनीति करने का आरोप भी लगाया. इस प्रकार उपेंद्र कुशवाहा अपने ही दांव में फंसते नजर आ रहे है.पटना में रालोसपा के दोनों विधायकों सुधांशु शेखर और ललन पासवान तथा विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित की. इस दौरान उन्होंने राजग में ही रहने की घोषणा करते हुए कहा कि वे राजग में थे और आगे भी राजग में ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि रालोसपा राजग से कभी अलग हुई ही नहीं है. कुछ दिन पूर्व रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजग में सम्मान नहीं मिलने के कारण राजग से रालोसपा के अलग होने की घोषणा की थी. कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कुशवाहा राजग से नाराज थे.बिहार विधान मंडल में रालोसपा के तीनों सदस्य राजग के साथ हैं और आगे भी राजग के साथ रहेंगे. उन्होंने राजग नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए राजग नेतृत्व से भागीदारी के हिसाब से हिस्सेदारी की भी मांग की. उन्होंने यह कहा है कि राजग उन्हें सरकार में प्रतिनिधित्व दे या नहीं दे परंतु वे राजग को मजबूत करने के लिए वे काम करते रहेंगे.
इन तीनों नेताओं ने रालोसपा का दावा ठोंकते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वे लोग निर्वाचन आयोग से मिलकर अपनी बात रखेंगे. अधिकांश कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं उनके पक्ष में है. उपेंद्र कुशवाहा पर व्यक्तिवादी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इन नेताओं ने कहा कि वे केवल अपने लाभ की बात करते हैें। उन्हें न तो पार्टी से मतलब है और ना ही बिहार से मतलब है.

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