सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि वे कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं
सर्वोच्च अदालत ने कुष्ठ रोगियों की हालत परखने के लिए हर साल नेशनल सर्वे कराने का आदेश दिया कहा कि कुष्ठ रोगियों की सकारात्मक छवि और अनुभव के के साथ व्यापक जागरुकता प्रचार हो उनके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाएं उपलब्ध हों सभी को बताया जाए कि कुष्ठ रोग का इलाज फ्री है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कुष्ठ रोगियों को परिवार से अलग नही किया जा सकता और उस तरह जागरुकता फैलाई जाए कि उन्हें एकांतवास में ना भेजा जाए वो अपने परिवार के साथ खुशी खुशी वैवाहिक जीवन जी सकते हैं
कुष्ठ रोगियों को BPL कार्ड दिए जाने चाहिए.ऐसे रोगियों को मुफ्त में जूते भी दिए जाएं. स्कूलों में ऐसे बच्चों व परिवारों से भेदभाव न हो
इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार संबंधित कुष्ठ रोगियों को दिव्यांग सर्टिफिकेट भी जारी करने की संभावनाओं पर विचार करें
खास बातें :-
कुष्ठ रोगियों के अधिकारों के लिए आगे आया सुप्रीम कोर्ट
कहा-केंद्र और राज्य सरकार करें भलाई के काम
दिए जाएं जूते और बीपीएल कार्ड
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