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Thursday, October 25, 2018

दिल्ली मीथेन गैस का कहर भलस्वा लैंडफिल हवा में घुल रहा जहर

भलस्वा लैंडफिल साइट में आग लगने के कारण उठता धुआं दिल्ली की हवा में जहर घोल रहा है। पहले ही प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। अब दिल्लीवालों का खुले में सांस लेना दूभर होने की आशंका है
लैंडफिल साइट पर आग बुझाने का प्रयास जारी है, लेकिन वहां से उठ रहा धुआं आबोहवा को जहरीला कर रहा है

सीपीसीबी के मुताबिक, बुधवार को राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स पर 312 रिकॉर्ड किया गया। सेंटर रन सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने भी बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब रिकॉर्ड की
सफर का अनुमान है कि वायु गुणवत्ता दिल्लीवालों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है
विशेषज्ञों के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब से खराब के स्तर पर आ गई थी। इससे अनुमान था कि इसमें सुधार होगा, लेकिन भलस्वा लैंडफिल साइट में फिर से आग फैलने के कारण प्रदूषण स्तर और बढ़ने से वायु गुणवत्ता बुधवार को फिर बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई
प्रदूषण स्तर ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा और जहरीली हो जाएगी। इससे दिल्लीवालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है
सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसई) की अधिकारी अनुमिता राय चौधरी का कहना है कि दिल्ली में वायु की गति कम होती है और तापमान गिरता है तो भलस्वा लैंडफिल साइट से निकलने वाला धुआं उसमें फंस जाएगा। इससे वायु गुणवत्ता और बिगड़ने की आशंका है
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एनवायरमेंट प्रोटेक्शन कंट्रोल अथोरिटी (ईपीसीए) ने पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर बात की है

मीथेन गैस बार-बार धधका रही भलस्वा लैंडफिल साइट

दिल्ली दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रविवार से अब तक भलस्वा लैंडफिल साइट पर आग बुझाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। सोमवार को लग रहा था कि आग पर नियंत्रण हो गया है, लेकिन यह फिर से भभक उठी। उनका कहना है
कि साइट से लगातार मीथेन गैस का रिसाव जारी है। इस कारण साइट से लगातार धुआं फैल रहा है। इस पर काबू पाने के लिए मौके पर फायर सर्विस की 15 गाड़ियां लगी हुई हैं। आग बुझाने के लिए पानी के अलावा निर्माण के मलबे और मिट्टी का भी उपयोग किया जा रहा है
मंगलवार को उत्तरी दिल्ली के मेयर आदेश गुप्ता व एनडीएमसी कमिश्नर मधुप व्यास ने भी मौके का निरीक्षण किया था और इस लैंडफिल साइट की समस्या का निपटारा करने के लिए लांग-टर्म व शार्ट-टर्म, दोनों तरह के उपाय करने की घोषणा की थी
जून के बाद सबसे खराब डाटा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, हालात इतने खराब हैं कि यदि हम प्रदूषण के ‘खराब’ स्तर तक भी वापसी कर पाए तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। बोर्ड के अनुसार, बुधवार को आधे से ज्यादा मॉनीटरिंग स्टेशनों पर हवा की शुद्धता के स्तर का डाटा जून में आए आंधी के तूफान के बाद सबसे खराब स्थिति का संकेत दे रहा था।
हवा की गति में कमी से भी बढ़ी परेशानी
प्रदूषण विभाग के अधिकारी पूरे शहर में हवा की शुद्धता के बेहद खराब स्तर पर पहुंचने के लिए तापमान में आई गिरावट और हवा की गति में कमी को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हवा की गति घटने से प्रदूषित गैस स्थानीय वातावरण में ही बढ़ती रहती है, जिसके कारण प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है
तापमान में गिरावट के कारण ये गैस ठंडी होकर वातावरण के निचले हिस्से में आकर सीधे श्वसन क्रिया से जुड़ जाती हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी जैसे हालात पैदा होते हैं। अधिकारी ने हवा की शुद्धता का स्तर 7 नवंबर को पड़ने वाली दिवाली तक लगातार खराब होने की संभावना जताई है।

पिछले साल भी खराब हुई थी स्थिति

पिछले साल दिल्ली समेत उत्तर भारत के अधिकतर इलाकों को जहरीले स्मॉग ने ढक लिया था, जिसके लिए खेतों में पराली जलाने और दीवाली पर असंख्य पटाखे चलाए जाने को जिम्मेदार माना गया था
इसके चलते कोयले से बिजली बनाने वाले कई पॉवर स्टेशन बंद करने, कंस्ट्रक्शन पर प्रतिबंध लगाने और कूडृा जलाने पर रोक लगाने जैसे कदम उठाने पड़े थे
दिल्ली ही नहीं देश के हालात खराब
इस साल विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से 14 भारत में हैं, जिनमें प्रदूषण के हिसाब से दिल्ली छठे नंबर पर आती है
ऐसे रहे बुधवार को दिल्ली में हालात
339 पीपीएम का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) रहा दिल्ली का
600 पीपीएम आंकी गई दो मॉनीटरिंग स्टेशनों पर हवा की शुद्धता
500 पीपीएम तक रहा हवा में प्रदूषण का स्तर अधिकतर मॉनिटरिंग स्टेशनों पर
50 पीपीएम की अधिकतम मात्रा वाली हवा को माना जाता है शुद्ध
301 से 400 के बीच बेहद खराब व 401 से 500 के बीच अति गंभीर होता है स्तर
(केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार)
इंडेक्स पर वायु गुणवत्ता 
0 से 50 तक अच्छी
51 से 100 तक संतोषजनक
101 से 200 के बीच मध्यम
201 से 300 के बीच खराब
301 से 400 के बीच बेहद खराब 
401 से 500 के बीच खतरनाक 

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