सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते में यहां एक बुजुर्ग महिला जीका वायरस से पीड़ित पाई गई थी. यह जयपुर में जीका का पहला मामला था.
उसके बाद से तीन गर्भवती महिलाओं समेत आठ और लोगों को इससे ग्रस्त पाया गया था और अब उनकी संख्या बढ़कर अब 22 हो चुकी है.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में कम से कम 22 लोग ज़ीका वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इन मामलों के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय से डीटेल रिपोर्ट मांगी है. जयपुर में हालात का जायजा लेने और जीका पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र की तरफ से 7 सदस्यीय डॉक्टरों की एक उच्च स्तरीय टीम भेजी गई, जिसने ज़ीका वायरस को लेकर राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जानकारी जुटाई.
केंद्र की तरफ से एक बार पहले भी उच्च स्तरीय टीम जयपुर भेजी गई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते में यहां एक बुजुर्ग महिला जीका वायरस से पीड़ित पाई गई थी. यह जयपुर में जीका का पहला मामला था. उसके बाद से तीन गर्भवती महिलाओं समेत आठ और लोगों को इससे ग्रस्त पाया गया था और अब उनकी संख्या बढ़कर अब 22 हो चुकी है.
कुछ दिन पहले बिहार के पंकज चौरसिया बुखार से पीड़ित थे. उसके बाद वह जयपुर आए फिर पटना अपने दोस्तों के पास चले गए. एक अधिकारी ने कहा कि जिका वायरस 3 से 12 दिनों तक ज्यादा ताकतवर होता है और ऐसा लगता है कि वह जयपुर में इस वायरस से प्रभावित हो गए थे और वो और भी कई लोगों को प्रभावित कर सकते हैं. जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों पर नज़र रखने के लिए कहा है, ताकि इससे मिलते-जुलते लक्षण वालों की पहचान की जा सके और इसे रोका जा सके.
मामले की गंभीरता को देखते हुए हालात पर नजर रखने के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. जयपुर में मच्छरों के नमूनों को लेकर उनको टेस्ट किया जा चुका है और प्रभावित इलाकों की पहचान की जा रही है. वायरल रिसर्च और डायग्नोस्टिक लैब को जांच किट भी दी जा चुकी है. इसके अलावा राज्य सरकार को इस वायरस की रोकथाम के लिए जागरूक करते हुए इससे संबंधित सूचना और दूसरी जरूरी चीजें मुहैया कराई जा रही है.
भारत में जीका वायरस का पहला प्रकोप जनवरी 2017 में अहमदाबाद में देखने को मिला. उसके बाद इसी साल दूसरी बार इसका प्रकोप तमिलनाडु के कृष्णगिरी जिले में दिखा था. जिसे बड़ी ही सफलता पूर्वक नियंत्रित कर लिया गया था.
जीका वायरस से संबंधित यह बीमारी इस समय 86 देशों में उभरती हुई बड़ी बीमारी है. इस वायरस के लक्षण डेंगू और दूसरे वायरल फीवर जैसे ही हैं. जीका वायरस से पीड़ित को कंजंक्टिवाइटिस, त्वचा में चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसी समस्या होती है.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में कम से कम 22 लोग ज़ीका वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इन मामलों के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय से डीटेल रिपोर्ट मांगी है. जयपुर में हालात का जायजा लेने और जीका पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र की तरफ से 7 सदस्यीय डॉक्टरों की एक उच्च स्तरीय टीम भेजी गई, जिसने ज़ीका वायरस को लेकर राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जानकारी जुटाई.
केंद्र की तरफ से एक बार पहले भी उच्च स्तरीय टीम जयपुर भेजी गई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते में यहां एक बुजुर्ग महिला जीका वायरस से पीड़ित पाई गई थी. यह जयपुर में जीका का पहला मामला था. उसके बाद से तीन गर्भवती महिलाओं समेत आठ और लोगों को इससे ग्रस्त पाया गया था और अब उनकी संख्या बढ़कर अब 22 हो चुकी है.
कुछ दिन पहले बिहार के पंकज चौरसिया बुखार से पीड़ित थे. उसके बाद वह जयपुर आए फिर पटना अपने दोस्तों के पास चले गए. एक अधिकारी ने कहा कि जिका वायरस 3 से 12 दिनों तक ज्यादा ताकतवर होता है और ऐसा लगता है कि वह जयपुर में इस वायरस से प्रभावित हो गए थे और वो और भी कई लोगों को प्रभावित कर सकते हैं. जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों पर नज़र रखने के लिए कहा है, ताकि इससे मिलते-जुलते लक्षण वालों की पहचान की जा सके और इसे रोका जा सके.
मामले की गंभीरता को देखते हुए हालात पर नजर रखने के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. जयपुर में मच्छरों के नमूनों को लेकर उनको टेस्ट किया जा चुका है और प्रभावित इलाकों की पहचान की जा रही है. वायरल रिसर्च और डायग्नोस्टिक लैब को जांच किट भी दी जा चुकी है. इसके अलावा राज्य सरकार को इस वायरस की रोकथाम के लिए जागरूक करते हुए इससे संबंधित सूचना और दूसरी जरूरी चीजें मुहैया कराई जा रही है.
भारत में जीका वायरस का पहला प्रकोप जनवरी 2017 में अहमदाबाद में देखने को मिला. उसके बाद इसी साल दूसरी बार इसका प्रकोप तमिलनाडु के कृष्णगिरी जिले में दिखा था. जिसे बड़ी ही सफलता पूर्वक नियंत्रित कर लिया गया था.
जीका वायरस से संबंधित यह बीमारी इस समय 86 देशों में उभरती हुई बड़ी बीमारी है. इस वायरस के लक्षण डेंगू और दूसरे वायरल फीवर जैसे ही हैं. जीका वायरस से पीड़ित को कंजंक्टिवाइटिस, त्वचा में चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसी समस्या होती है.
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