राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में इसी साल विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है, जिसके मद्देनजर इन राज्यों में चुनाव होना तय है.
तेलंगाना को लेकर भी चुनाव आयोग घोषणा कर सकता है, क्योंकि वहां की विधानसभा भंग हो चुकी है.
चुनाव आयोग ने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे, जबकि तेलंगाना में अभी चुनाव नहीं होंगे. चुनाव आयोग की घोषणा के साथ आज से ही इन चारों राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 दिसंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि चुनाव में आधुनिक ईवीएम व वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही मतदान की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.
छत्तीसगढ़ चुनाव
छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को होगा. 23 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है जबकि स्क्रूटनी 24 अक्टूबर को होगी. इस चरण में 18 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा.
समय पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
चुनाव तारीखों के ऐलान के वक्त में फेरबदल पर कांग्रेस ने सवाल उठाए. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को लेकर सवाल किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'चुनाव आयोग ने पांच राज्यों की चुनावी तारीख के लिए 12.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. राजस्थान के अजमेर में दोपहर 1 बजे पीएम मोदी की रैली है. चुनाव आयोग ने अचानक वक्त बदल दिया है और प्रेस कॉन्फ्रेंस 3 बजे होगी.
कर्नाटक चुनाव पर हुआ था विवाद
चुनाव आयोग ने इसी साल 27 मार्च को कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. लेकिन चुनाव आयोग से पहले ही तारीखें सार्वजनिक हो गई थीं. जब प्रेस कॉन्फेंस में चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने तारीखों की घोषणा भी नहीं की थी, तो उससे पहले ही बीजेपी के आईटी सेल इंचार्ज अमित मालवीय ने तारीख ट्वीटर पर लिख दी थी. जिसे लेकर बड़ा विवाद हुआ था.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जबकि मिजोरम में कांग्रेस सत्ता में है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मुकाबला रहता है. आगामी चुनाव के मद्देनजर भी दोनों पार्टियां जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं. वहीं, तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार थी, लेकिन उन्होंने हाल ही में राज्यपाल से मिलकर विधानसभा भंग करने का फैसला लिया था.
चुनाव आयोग ने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे, जबकि तेलंगाना में अभी चुनाव नहीं होंगे. चुनाव आयोग की घोषणा के साथ आज से ही इन चारों राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 दिसंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि चुनाव में आधुनिक ईवीएम व वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही मतदान की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.
छत्तीसगढ़ चुनाव
छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को होगा. 23 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है जबकि स्क्रूटनी 24 अक्टूबर को होगी. इस चरण में 18 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा.
समय पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
चुनाव तारीखों के ऐलान के वक्त में फेरबदल पर कांग्रेस ने सवाल उठाए. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को लेकर सवाल किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'चुनाव आयोग ने पांच राज्यों की चुनावी तारीख के लिए 12.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. राजस्थान के अजमेर में दोपहर 1 बजे पीएम मोदी की रैली है. चुनाव आयोग ने अचानक वक्त बदल दिया है और प्रेस कॉन्फ्रेंस 3 बजे होगी.
कर्नाटक चुनाव पर हुआ था विवाद
चुनाव आयोग ने इसी साल 27 मार्च को कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. लेकिन चुनाव आयोग से पहले ही तारीखें सार्वजनिक हो गई थीं. जब प्रेस कॉन्फेंस में चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने तारीखों की घोषणा भी नहीं की थी, तो उससे पहले ही बीजेपी के आईटी सेल इंचार्ज अमित मालवीय ने तारीख ट्वीटर पर लिख दी थी. जिसे लेकर बड़ा विवाद हुआ था.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जबकि मिजोरम में कांग्रेस सत्ता में है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मुकाबला रहता है. आगामी चुनाव के मद्देनजर भी दोनों पार्टियां जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं. वहीं, तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार थी, लेकिन उन्होंने हाल ही में राज्यपाल से मिलकर विधानसभा भंग करने का फैसला लिया था.
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