अमेरिका-चीन के बीच छिडे़ कारोबारी युद्ध का असर भारतीय ग्राहकों के लिए कुछ हद तक सकारात्मक असर छोड़ रहा है।
बाजारों में खाद्य तेल सस्ते बेचे जा रहे और हाल के दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपये में आई भारी गिरावट के बावजूद इस दिवाली खाद्य तेलों के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत अपने उपयोग का करीब 40 फीसदी खाद्य तेल आयात करता हैदेश में खाद्य तेल के क्षेत्र की नंबर एक कंपनी अडानी विल्मर के अधिकारी का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर पड़ने के असर से खाद्य तेल सुरक्षित है। उनके मुताबिक कुछ ही महीने पहले अमेरिका में सोयाबीन के कच्चे तेल का भाव 520 डॉलर प्रति टन था जो कि अब घट कर 490 डॉलर रह गया है। ऐसे में यदि रुपया डॉलर के मुकाबले कुछ कमजोर हो जाता है, तब भी घरेलू बाजार में कच्चे तेल की कीमत पर इसका असर नहीं पडे़गा। इस साल अमेरिका में सोयाबीन की बंपर फसल हुई |
नहीं बढे़ंगी दिवाली पर कीमतें
इस दिवाली तो खाद्य तेल की कीमतें बढ़ने से रही। ऐसा इसलिए कि दिवाली के लिए कारोबारियों ने स्टॉक जमा कर लिए हैं और अब तो बिक्री शुरू होगी। यह भी जानने योग्य है कि दशहरा, दिवाली के दौरान भारत में खाद्य तेल की मांग में 30 से 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाती है। इस दौरान घर-घर मिठाइयों और नमकीन की तो मांग बढ़ती ही है, किचन में भी तेल की ज्यादा खपत होती है।
नहीं बढे़ंगी दिवाली पर कीमतें
इस दिवाली तो खाद्य तेल की कीमतें बढ़ने से रही। ऐसा इसलिए कि दिवाली के लिए कारोबारियों ने स्टॉक जमा कर लिए हैं और अब तो बिक्री शुरू होगी। यह भी जानने योग्य है कि दशहरा, दिवाली के दौरान भारत में खाद्य तेल की मांग में 30 से 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाती है। इस दौरान घर-घर मिठाइयों और नमकीन की तो मांग बढ़ती ही है, किचन में भी तेल की ज्यादा खपत होती है।
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