कर्नाटक में भाषा की राजनीति गर्मा गई है. कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने साफ आदेश दिया है कि एक नवम्बर यानी कर्नाटक स्थापना दिवस से फाइल सिर्फ कन्नड भाषा में हगी उनके पास भेजी जाए.
अग्रेज़ी में ना तो फाइल लिखी जाएगी और ना ही अधिकारी उस पर नोट्स अग्रेज़ी में लिख पाएगें. कहा जा रहा है कि लोकसभा की तीन और विधानसभा की दो सीटों पर नवंबर में चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनाव से पहले एक बार फिर इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैहया ने यहां तक कहा था कि केन्द्रीय सेवाओं के अधिकारी या तो कन्नड़ सीख लें या फिर राज्य छोड़ दें.
मेट्रो स्टेशन पर हिंदी में लिखे नामों पर कालिख पोतने का मामला भी सामने आया था. इस पूरे मामले पर कुमारस्वामी ने कहा कि हां मैंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन फाइल्स में कन्नड़ में नोटिंग्स हो सिर्फ वही फाइलें ही मुझे भेजी जाएं. एक नवंबर से हमें अपनी भाषा को आगे बढ़ाना है. भाजपा प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं.
अग्रेज़ी में ना तो फाइल लिखी जाएगी और ना ही अधिकारी उस पर नोट्स अग्रेज़ी में लिख पाएगें. कहा जा रहा है कि लोकसभा की तीन और विधानसभा की दो सीटों पर नवंबर में चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनाव से पहले एक बार फिर इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैहया ने यहां तक कहा था कि केन्द्रीय सेवाओं के अधिकारी या तो कन्नड़ सीख लें या फिर राज्य छोड़ दें.
मेट्रो स्टेशन पर हिंदी में लिखे नामों पर कालिख पोतने का मामला भी सामने आया था. इस पूरे मामले पर कुमारस्वामी ने कहा कि हां मैंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन फाइल्स में कन्नड़ में नोटिंग्स हो सिर्फ वही फाइलें ही मुझे भेजी जाएं. एक नवंबर से हमें अपनी भाषा को आगे बढ़ाना है. भाजपा प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं.
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