पांच राज्यों तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के चुनाव परिणामों का असर व्यापक होगा और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ये निजी तौर पर प्रभावित करेंगे.
प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए राहुल गांधी को राजस्थान के अलावा कुछ और भी चाहिए. अगर 11 दिसंबर को सी-वोटर्स का प्री-पोल सर्वे सटीक साबित होता है तो मध्यप्रदेश की जीत सबसे महत्वपूर्ण होगी तो दक्षिणी राज्य तेलंगाना की जीत बेहद शानदार होगी, इससे वह हिन्दी हार्टलैंड और दक्षिण भारत दोनों स्थानों पर स्वीकार्य नेता साबित हो जाएंगे. 2019 के आम चुनावों में यह नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी की चाह जगाने वाला होगा.
अनुभवी चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर विजयी राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर सकते हैं. राहुल के लिए विवादित सिग्नल भेजने वाले मायावती, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, शरद पवार और अन्य गैर-एनडीए विपक्षी नेता जानते हैं कि राहुल गांधी सत्ता के लिए लालायित नहीं हैं लेकिन वे सत्ता के ट्रस्टी हैं. दूसरे शब्दों में प्रधानमंत्री कार्यालय महागठबंधन से किसी भी नेता को अपनाने के लिए तैयार है बशर्ते वे अपने राज्यों में अधिकतम चुनावी लाभ प्राप्त करें.

No comments:
Post a Comment