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Saturday, November 10, 2018

राकेश अस्थाना ने सीवीसी के सामने घूस लेने के आरोपों को बताया झूठा कहा उस वक्त मैं लंदन में था

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का केंद्रीय सतर्कता आयोग जांच कर रहा है. तलब किए जाने पर दोनों अफसर अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देने के लिए आयोग के सामने पेश हो चुके हैं. 


हैदराबाद के व्यापारी सतीश साना की जिस शिकायत पर सीबीआई ने राकेश अस्थाना के खिलाफ केस दर्ज किया है, उसमें सना के बयानों पर मामला उलझता दिख रहा है. सीबीआई ने अस्थाना के खिलाफ हैदराबाद के व्यवसाई सना सतीश बाबू से तीन करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिये 15 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज की थी. शिकायत के मुताबिक यह रकम दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के जरिये दी गई थी ताकि मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ जांच को कमजोर किया जा सके. सतीश साना ने कहा था कि उसने तीन करोड़ रुपये राकेश अस्थाना जैसे दिखने वाले शख्स को दिए थे. जिनके बारे में बिचौलियों से बात हुई थी.
वहीं बीते 24 अगस्त को राकेश अस्थाना ने कैबिनेट सचिव को दी गई अपनी शिकायत में सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर ही आरोप लगाया था कि उन्होंने किसी मामले में पूछताछ से राहत दिलाने के लिये व्यापारी सतीश सना से रिश्वत के रूप में दो करोड़ रुपये लिये. एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया कि राकेश अस्थाना ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जिस अवधि में घूस को लेकर बिचौलियों से संपर्क, बातचीत और लेन-देन की बात कही गई, उस समय वह लंदन में थे. सतीश साना की ओर से दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि दो दिसंबर को घूस को लेकर बातचीत हुई और 13 दिसंबर 2017 को घूस की रकम दी गई. इस पर राकेश अस्थाना ने कहा कि वह भगोड़े विजय माल्या की सुनवाई से जुड़े केस में लंदन में थे. न्यूज रिपोर्ट्स भी इस बात की पुष्टि करतीं हैं कि राकेश अस्थाना ने तीन दिसंबर को दिल्ली छोड़ दिया था और कम से कम 12 दिसंबर तक वह लंदन में थे.सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष शुक्रवार को उपस्थित हुए और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा उनके ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का लगातार दूसरे दिन खंडन किया. वर्मा की जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने के कुछ ही घंटे बाद अस्थाना भी शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधी संस्था के कार्यालय पहुंचे. हालांकि, उनकी किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात नहीं हो सकी.अधिकारियों ने बताया कि अस्थाना केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्यालय में शाम पौने पांच बजे के करीब पहुंचे और वहां 10 मिनट के लिये रुके. हालांकि, वह किसी वरिष्ठ अधिकारी से नहीं मिल सके क्योंकि उन्होंने मुलाकात का पहले से समय नहीं लिया था.अधिकारियों ने बताया कि समझा जाता है कि सतर्कता आयुक्त टी.एम. भसीन और शरद कुमार की सदस्यता वाली समिति के समक्ष पेश होकर वर्मा ने अस्थाना की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को बिंदुवार तरीके से खारिज किया.अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के.पटनायक भी मौजूद थे, क्योंकि शीर्ष अदालत ने उन्हें इस जांच की निगरानी करने का जिम्मवर्मा शुक्रवार की सुबह सीवीसी दफ्तर पहुंचे और करीब एक घंटे तक वहां रहे. उन्होंने सीवीसी दफ्तर के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बात नहीं की. उच्चतम न्यायालय ने 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग से कहा था कि वह अस्थाना की ओर से वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते के भीतर पूरी करे. यह समय-सीमा आगामी रविवार को पूरी हो रही है और उच्चतम न्यायालय सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा. वर्मा और अस्थाना को केंद्र सरकार छुट्टी पर भेज चुकी है.

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