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Saturday, December 22, 2018

सचिन पायलट बोले सीएम गहलोत से कोई नाराजगी नहीं हम सब एक है

सचिन पायलट बोले सीएम गहलोत से कोई नाराजगी नहीं हम सब एक है.
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि हमारी नीयत और नीति दोनों बिलकुल साफ़ है. देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव सिद्धांतों और मुद्दों पर लड़े जाएंगे, साथ ही चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री पर फैसला करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आक्रामक होकर बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया है. 2019 में मोदी सरकार फिर से सत्ता में नहीं लौट पाएगी.सत्ता मे लौटना मुश्किल लग रहा है.
सचिन पायलट ने मध्य प्रदेश की तर्ज राज्य के प्रदेश होने के बावजूद मुख्यमंत्री नहीं बनने पर कहा कि पढ़े-लिखे युवा वर्ग से जितने ज्यादा लोग राजनीति में आएंगे, वो शुभ संकेत है राजनीति के लिए. हर प्रदेश की राजनीति अलग है. मध्य प्रदेश में जो फैसला लिया गया वो वहां की राजनीति के आधार पर लिया गया है. उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर चेहरे पर दुख का कोई भाव नहीं दिखने पर पायलट ने कहा, 'किस बात का दुख. मैं इस बात का आभारी हूं कि पार्टी ने मुझे इस काबिल समझा. पार्टी ने इस बड़े प्रदेश की अहम जिम्मेदारी दी है तो मेरी कोशिश है कि उसका सही तरीके से निर्वहन किया जाए. हम अच्छी सरकार देने की कोशिश करेंगे.हमने जो वादे किये थे उसका पूरा करेंगे.
राहुल गांधी के अगले चुनाव की तैयारियों और बतौर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि कभी भी राहुल गांधी ने नहीं कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करिए. डीएमके ने राहुल को प्रधानमंत्री पद के दावेदार घोषित करने की बात रखी है. लेकिन कांग्रेस और सहयोगी संगठनों ने आपस में तय कर रखा है कि चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मिल-बैठकर प्रधानमंत्री तय करेंगे. जीत के बाद ही तय होगा कि गठबंधन का नेता कौन होता है.
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी में यह बड़ी बात है कि हम सबको साथ लेकर चलते हैं. एनडीए में लगातार टूट हो रहा है, अभी हाल में उपेंद्र कुशवाहा ने दामन छोड़ दिया है. शिवसेना और टीडीपी ने भी साथ छोड़ दिया है. शिवसेना ने साथ छोड़ा ही हुआ है आप देख लेना. जो लोग अपने सहयोगी संगठनों का विश्वास नहीं पा सकते, वो देश की जनता का विश्वास कैसे हासिल कर सकते हैं. इनका समय आ गया है.
राहुल गांधी ने तीनों राज्यों में हमारे चुनावी अभियान को शुरू किया. उन्होंने आक्रामक होकर बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया है. उनके नेतृत्व में हमने तीनों राज्यों में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. बीजेपी जाति-धर्म की राजनीति की है. कांग्रेस ने कभी भी धर्म की बात नहीं की. कांग्रेस ही एकमात्र दल है जो सभी को एक साथ लेकर चलती है. उन्होंने कहा कि एनडीए को हराने के लिए सभी विपक्षी संगठनों को एकजुट होना पड़ेगा.विपक्षी संगठनों को एकजुट करके की कुछ किया जा सकता है.

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