शिवसेना और भाजपा के बीच 1989 में हुए गठबंधन के बाद अब है छोड़ने का इरादा, 48 सीटों में से 40 सीट जीतने का लक्ष्य.
(After the alliance between Shiv Sena and BJP in 1989, the intention to leave now is to win 40 of the 48 seats.)अमित शाह ने शिवसेना का नाम लिए बिना उसे वॉर्निंग दी। शाह ने कहा कि अगर गठबंधन हुआ तो पार्टी अपने सहयोगियों की जीत सुनिश्चित करेगी। यदि ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें हराएगी। शाह ने यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस बयान के बाद कही जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य की 48 सीटों में से 40 सीटें जीतने का लक्ष्य बनाना चाहिए।
शिवसेना ने भी भाजपा पर हमला बोला। शिवसेना ने कहा कि उसे जो भी चुनौती देगा, उसका सामना करने को वह तैयार है।
भाजपा 40 सीटें जीतना चाहती है। इसका मतलब है कि वह ईवीएम में छेड़छाड़ कर सकती है।उसे ईवीएम पर ज्यादा भरोसा है| अगर सहयोगी हमारे साथ आते हैं, तो हम उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे, या फिर उन्हें भी हरा देंगे। हमें सिर्फ तैयारी पर फोकस करना चाहिए|
भाजपा के 11 करोड़ सदस्य हैं और यही पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है|शिवसेना ने कहा कि चुनाव के पहले गठबंधन पर भाजपा अध्यक्ष के बयान से साफ है कि उन्हें हिंदुत्व में विश्वास रखने वाले लोगों के साथ काम करने में ज्यादा रुचि नहीं है। पांच राज्यों के परिणाम से साफ है कि देश के लोगों ने उनको उनकी जगह दिखाना शुरू कर दिया है|
कुल सीटें 48 पर कितनी पार्टी:-
पार्टी सीटें वोट शेयरभाजपा
भाजपा 23 27.6%
शिवसेना 18 20.8%
एनसीपी 4 16.1%
कांग्रेस 2 18.3%
अन्य 1 2.3%
शिवसेना- भाजपा में 30 साल गठबंधन पहले हुआ था| शिवसेना और भाजपा के बीच 1989 में गठबंधन हुआ था। पहली बार 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर ये टूट गया था|
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