Akhilesh Yadav and Mayawati ने किया सीटों के बंटवारे का सस्पेंस खत्म, दूसरे छोटे दलों को कैसे दी जाएगी जगह
(Akhilesh Yadav and Mayawati did the suspense over sharing of seats, how to give place to other small parties)दो विरोधी पार्टी बहुजन समाज पार्टी और समाजावीद पार्टी ने 25 साल बाद साथ आने का फैसला ले लिया है. यूपी की राजधानी लखनऊ में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सीटों के बंटवारे पर से सस्पेंस खत्म कर दिया और 38-38 सीटें अपने पास रख लीं.मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में सपा और बसपा दोनों दलों के लिए कुल 80 सीटों में 38-38 सीटें लड़ने का ऐलान किया बाक़ी 2 सीटें सहयोगी दलों और अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने की बात कही.
सपा-बसपा गठबंधन में जिन दो सीटों को सहयोगियों के लिए छोड़ा गया है, वे दोनों सीटें चौधरी अजित सिंह की राष्ट्रीय लोकदल के खाते में जाएंगी.मुजफ्फरनगर से चौधरी अजीत सिंह और बागपत से जयंत चौधरी प्रत्याशी होंगे. मगर बुधवार को जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव से मिलकर कैराना, मथुरा और हाथरस की सीटें भी मांगी. कैराना सीट पर सपा के समर्थन से RLD की उम्मीदवार तब्बसुम हसन उपचुनाव जीती थीं.
अखिलेश ने सपा के कोटे से RLD को दो और सीटें देने का भरोसा दिलाया था, पर हाथरस सीट बसपा के कोटे में पहले ही जा चुकी है. हालांकि, कैराना और मथुरा सीट पर आरएलडी के दरवाजे अभी बंद नहीं हुए हैं.
अखिलेश यादव जहां आरएलडी को अपने कोटे से सीट देने को तैयार हैं, वहीं मायावती अपने कोटे से RLD को एक भी सीट देनें को तैयार नहीं हैं.
अखिलेश और जयंत चौधरी की मुलाक़ात फिर होगी जिसमें टेबल पर बैठ कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में RLD के साथ तालमेल बैठाने पर चर्चा होगी. वहीं सपा अपने कोटे से एक सीट निषाद पार्टी और एक सीट ओपी राजभर को भी दे सकती है. सपा निषाद पार्टी के संजय निषाद को सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि सपा ओपी राजभर को साथ लाने की कोशिश बड़े फ़ायदे के लिए कर रही है.
चार विधायकों के आने से एक राज्यसभा सीट पर भी दावेदारी होगी. ऐसे में राजभर को सीट देना सपा के लिए फ़ायदे का सौदा है. फ़िलहाल ओपी राजभर बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं और लोकसभा चुनाव में अपने लिए दो से ज़्यादा सीटें मांग कर बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
चार विधायकों के आने से एक राज्यसभा सीट पर भी दावेदारी होगी. ऐसे में राजभर को सीट देना सपा के लिए फ़ायदे का सौदा है. फ़िलहाल ओपी राजभर बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं और लोकसभा चुनाव में अपने लिए दो से ज़्यादा सीटें मांग कर बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
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