अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली अब 3 जजों की नई बेंच के बीच होगा फैसला
(Hearing in Supreme Court on Ram temple in Ayodhya will now be decided between new judges of 3 judges)
अयोध्या में राम मंदिर विवाद में दायर याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 जजों की नई बेंच ही सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज स्पष्ट कहा कि 10 जनवरी से पहले तीन जजों की बेंच तैयार हो जाएगी. यहां उचित बेंच मतलब कोई तीन जज की बेंच से है. चीफ जस्टिस दस जनवरी से पहले बेंच का गठन करेंगे. और यह 10 जनवरी को ही नई बेंच तय करेगी कि आगे सुनवाई कब हो.
सुप्रीम कोर्ट में आज आधा मिनट से भी कम में अयोध्या मामले की सुनवाई खत्म हो गई. इस दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि ये रामजन्मभूमि केस है? इस पहले वकीलों के कुछ भी कहने से पहले ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा बेंच ही 10 जनवरी को आगे के आदेश जारी करेगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ अयोध्या विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 13 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ के इस विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अदालत की अपनी प्राथमिकताएं हैं. उचित पीठ ही जनवरी में तय करेगी कि इसकी सुनवाई जनवरी, फरवरी में हो या उसके बाद. पीठ ने जमीनी विवाद मामले की सुनवाई 29 अक्तूबर से शुरू होने वाले हफ्ते से करने के निर्देश जारी किए थे. वहीं तीसरे जज एस जस्टिस अब्दुल नजीर इससे सहमत रहे. उन्होंने कहा कि 1994 के इस्माईल फारूखी फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि इस पर कई सवाल हैं. उन्होंने कहा कि इसका असर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले पर भी पड़ा था, इसलिए इस मामले को संविधान पीठ में भेजना चाहिए.अब फैसला 10 जनवरी के बाद तीन जजों की बेंच तैयार करेगी.
(Hearing in Supreme Court on Ram temple in Ayodhya will now be decided between new judges of 3 judges)
अयोध्या में राम मंदिर विवाद में दायर याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 जजों की नई बेंच ही सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज स्पष्ट कहा कि 10 जनवरी से पहले तीन जजों की बेंच तैयार हो जाएगी. यहां उचित बेंच मतलब कोई तीन जज की बेंच से है. चीफ जस्टिस दस जनवरी से पहले बेंच का गठन करेंगे. और यह 10 जनवरी को ही नई बेंच तय करेगी कि आगे सुनवाई कब हो.
सुप्रीम कोर्ट में आज आधा मिनट से भी कम में अयोध्या मामले की सुनवाई खत्म हो गई. इस दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि ये रामजन्मभूमि केस है? इस पहले वकीलों के कुछ भी कहने से पहले ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा बेंच ही 10 जनवरी को आगे के आदेश जारी करेगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ अयोध्या विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 13 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ के इस विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अदालत की अपनी प्राथमिकताएं हैं. उचित पीठ ही जनवरी में तय करेगी कि इसकी सुनवाई जनवरी, फरवरी में हो या उसके बाद. पीठ ने जमीनी विवाद मामले की सुनवाई 29 अक्तूबर से शुरू होने वाले हफ्ते से करने के निर्देश जारी किए थे. वहीं तीसरे जज एस जस्टिस अब्दुल नजीर इससे सहमत रहे. उन्होंने कहा कि 1994 के इस्माईल फारूखी फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि इस पर कई सवाल हैं. उन्होंने कहा कि इसका असर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले पर भी पड़ा था, इसलिए इस मामले को संविधान पीठ में भेजना चाहिए.अब फैसला 10 जनवरी के बाद तीन जजों की बेंच तैयार करेगी.
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