जानिए बीजेपी ने कोलकाता के बजाय क्यों चुना दार्जिलिंग.
(know why bjp chose darjeeling instead of kolkata)पीएम मोदी द्वारा बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए कोलकाता के बजाय उत्तरी बंगाल को प्रचार के लिए चुनना कोई संयोग नहीं है, बल्किसोच समझ कर बनाई गयी रणनीति है. पहले दो चरणों में 11 अप्रैल को कूच बिहार और अलीपुरदुआर में जबकि 18 अप्रैल को जलपाईगुड़ी, रायगंज और दार्जिलिंग में चुनाव होने हैं. पार्टी की नज़र इस सीटों पर है. दूसरे चरण में बीजेपी की नज़र एससी के लिए रिजर्व सीट जलपाईगुड़ी और रायगंज पर है. अलीपुरदुआर की तरह कूच बिहार में भी चाय के काफी बागान हैं और यहां पर बागानों में काम करने वाले कामगारों की काफी संख्या है. रायगंज सीट से इस वक्त सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम सांसद हैं. इस सीट पर बीजेपी को अपने लिए जीत का अवसर दिख रहा है. बता दें कि रायगंज सीट उन दो सीटों में से एक है जिसको लेकर कांग्रेस और लेफ्ट के बीच गठबंधन टूट गया. कांग्रेस ने इस सीट से दीपा देशमुख को उतारा है. ऐसे में बीजेपी को अपने लिए मौका दिख रहा है. एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने बताया कि यहां पर कांग्रेस, लेफ्ट और टीएमसी के बीच वोटों का बंटवारा होने की संभावना है और हिंदू वोट एकजुट होंगे. इसकी वजह से मौजूदा बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा काफी बढ़ गया. एक वरिष्ठ जीजेएम नेता ने बताया, 'जब यहां हिंसा का माहौल था उस दौरान वह मौजूद नहीं थे. काफी लोगों को लगता है तीसरी बार बीजेपी को वोट देना एक बड़ी भूल साबित होगी. लेकिन हिंसा के लिए टीएमसी भी बराबर की ज़िम्मेदार है.
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