अगर बैंक खाते से 12 महीने तक नहीं निकाले पैसे तो ATM हो जाएगा ब्लॉक, जानें जरूरी नियम बचत खाता 12 महीने तक नहीं किया यूज तो आपका ATM हो जाएगा ब्लॉक.
अगर आपने किसी बैंक में बचता खाता खोला और उसे आप 12 महीने तक यूज नहीं कर पाते तो आपका बैंक एटीएम से पैसे निकालना, चेक जारी करने जैसी सुविधाएं बंद कर देगा. इसलिए आज हम आपको इनऑपरेटिव अकाउंट और डोरमैंट अकाउंट से संबंधित जानकारी दे रहे है.
कैसे होता इनऑपरेटिव- RBI की गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी बैंक खाते में एक साल तक कोई लेन-देन नहीं हो रहा है, तो उसे 'इनऑपरेटिव' अकाउंट की श्रेणी में रख दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि उन्हें किसी भी संभावित फ्रॉड से बचाया जा सके.
खाता इनऑपरेटिव हो जाने पर भी अगर कुछ पैसा आपके खाते में जमा है, तो उस पर ब्याज मिलता रहेगा. (ये भी पढ़ें-फाइलें दबाकर बैठने वाले बाबुओं को नहीं मिलेगा प्रमोशन! मोदी सरकार बना रही ट्रैकिंग सिस्टम)
बंद हो जाएंगी सभी सर्विस- जब आपका खाता 'इनऑपरेटिव' हो जाता है. इसके बाद आप डेबिट कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे. नई चेक बुक भी नहीं ले पाएंगे. इंटरनेट बैंकिंग का यूजर आईडी और पासवर्ड भी आपको नहीं मिलेगा. इनऑपरेटिव होने के बाद आपके लिए खाते से जुड़े कई काम निपटाने में दिक्कत पेश आती हैं. (ये भी पढ़ें-इंडियन ऑयल जल्द शुरू करेगी CNG और PNG बिजनेस, आपको भी मिलेगा लाखों की कमाई का मौका)
अकाउंट हो जाएगा डोरमैंट- आपका खाता जब इनऑपरेटिव हो जाता है, तो बैंक आपको इसको लेकर सूचित करता है. लेकिन इस सूचना के बाद भी आप ने उस खाते से कोई लेन-देन नहीं किया, तो 24 महीने से ज्यादा का वक्त होने के बाद वह 'डोरमैंट' अकांउट बन जाएगा.
इससे क्या होता है- जिस भी बैंक खाते से 24 महीनों तक कोई भी लेन-देन नहीं होता है. उसे बैंक 'डोरमैंट' की श्रेणी में डाल देते हैं. अकाउंट एक बार डोरमैंट हो गया, तो बैंक से जुड़े कई और लेन-देन भी आप नहीं कर पाएंगे.
खाता डोरमैंट होने के बाद 'इनऑपरेटिव' होने के दौरान जो सुविधाएं नहीं मिल रही थीं, वे अभी भी नहीं मिलेंगी. इसके साथ ही अन्य कई और चीजें भी आप नहीं कर पाएंगे. इसके बाद आप न एटीएम से कोई लेन-देन कर पाएंगे. आपकी इंटरनेट बैंकिंग और फोन बैंकिंग की सुविधा भी खत्म कर दी जाएगी.
ऐसे करें एक्टिव-आपका खाता 'इनऑपरेटिव' हो गया है, तो आप उसे एक्टिव कर सकते हैं. कई बैंक आपको ये सुविधा देते हैं कि आप एक लेन-देन कर लें, तो खाता एक्टिव हो जाएगा. हालांकि कई बैंक आपको एक्टिवेशन फॉर्म भरने के लिए भी कह सकते हैं. डोरमैंट की बात करें, तो इसे एक्टिवेट करने की खातिर आपको बैंक जाकर एक्टिवेशन फॉर्म भरना होगा.
अगर आपने किसी बैंक में बचता खाता खोला और उसे आप 12 महीने तक यूज नहीं कर पाते तो आपका बैंक एटीएम से पैसे निकालना, चेक जारी करने जैसी सुविधाएं बंद कर देगा. इसलिए आज हम आपको इनऑपरेटिव अकाउंट और डोरमैंट अकाउंट से संबंधित जानकारी दे रहे है.
कैसे होता इनऑपरेटिव- RBI की गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी बैंक खाते में एक साल तक कोई लेन-देन नहीं हो रहा है, तो उसे 'इनऑपरेटिव' अकाउंट की श्रेणी में रख दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि उन्हें किसी भी संभावित फ्रॉड से बचाया जा सके.
खाता इनऑपरेटिव हो जाने पर भी अगर कुछ पैसा आपके खाते में जमा है, तो उस पर ब्याज मिलता रहेगा. (ये भी पढ़ें-फाइलें दबाकर बैठने वाले बाबुओं को नहीं मिलेगा प्रमोशन! मोदी सरकार बना रही ट्रैकिंग सिस्टम)
बंद हो जाएंगी सभी सर्विस- जब आपका खाता 'इनऑपरेटिव' हो जाता है. इसके बाद आप डेबिट कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे. नई चेक बुक भी नहीं ले पाएंगे. इंटरनेट बैंकिंग का यूजर आईडी और पासवर्ड भी आपको नहीं मिलेगा. इनऑपरेटिव होने के बाद आपके लिए खाते से जुड़े कई काम निपटाने में दिक्कत पेश आती हैं. (ये भी पढ़ें-इंडियन ऑयल जल्द शुरू करेगी CNG और PNG बिजनेस, आपको भी मिलेगा लाखों की कमाई का मौका)
अकाउंट हो जाएगा डोरमैंट- आपका खाता जब इनऑपरेटिव हो जाता है, तो बैंक आपको इसको लेकर सूचित करता है. लेकिन इस सूचना के बाद भी आप ने उस खाते से कोई लेन-देन नहीं किया, तो 24 महीने से ज्यादा का वक्त होने के बाद वह 'डोरमैंट' अकांउट बन जाएगा.
इससे क्या होता है- जिस भी बैंक खाते से 24 महीनों तक कोई भी लेन-देन नहीं होता है. उसे बैंक 'डोरमैंट' की श्रेणी में डाल देते हैं. अकाउंट एक बार डोरमैंट हो गया, तो बैंक से जुड़े कई और लेन-देन भी आप नहीं कर पाएंगे.
खाता डोरमैंट होने के बाद 'इनऑपरेटिव' होने के दौरान जो सुविधाएं नहीं मिल रही थीं, वे अभी भी नहीं मिलेंगी. इसके साथ ही अन्य कई और चीजें भी आप नहीं कर पाएंगे. इसके बाद आप न एटीएम से कोई लेन-देन कर पाएंगे. आपकी इंटरनेट बैंकिंग और फोन बैंकिंग की सुविधा भी खत्म कर दी जाएगी.
ऐसे करें एक्टिव-आपका खाता 'इनऑपरेटिव' हो गया है, तो आप उसे एक्टिव कर सकते हैं. कई बैंक आपको ये सुविधा देते हैं कि आप एक लेन-देन कर लें, तो खाता एक्टिव हो जाएगा. हालांकि कई बैंक आपको एक्टिवेशन फॉर्म भरने के लिए भी कह सकते हैं. डोरमैंट की बात करें, तो इसे एक्टिवेट करने की खातिर आपको बैंक जाकर एक्टिवेशन फॉर्म भरना होगा.
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