मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समाज के लोगों ने सोमवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में आरक्षण के लिए आत्महत्या करने वाले 37 लोगों के परिजनों की आर्थिक सहायता की.
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समाज के लोगों ने सोमवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में आरक्षण के लिए आत्महत्या करने वाले 37 लोगों के परिजनों की आर्थिक सहायता की. साथी ही 15 नवम्बर तक आरक्षण लागू नहीं होने पर एक दिसंबर से राज्य भर में दोबारा प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी. मुंबई के यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मराठा आरक्षण के लिए आत्महत्या करने वालों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की. मौके पर मौजूद लोगों ने जहां मराठा आरक्षण को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की, तो वहीं राज्य सरकार की ओर से आरक्षण लागू नहीं करने और मृतकों के घर वालों को अबतक आर्थिक सहायता नहीं मिलने के कारण ये लोग नाराज भी दिखे.मराठा आरक्षण की मांग करते हुए मराठा समाज के लोग पिछले डेढ़ साल से राज्य के अलग अलग जगहों पर मूक प्रदर्शन करते आए है, लेकिन इसी साल जुलाई में मराठा आरक्षण की मांग करते हुए औरंगाबाद में काकासाहेब शिंदे ने नदी में कूदकर आत्महत्या की, जिसके बाद मराठा आंदोलन हिंसक हो गया था. इस संबंध में मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक संजय सावंत ने कहा कि राज्य सरकार ने जहां मराठा समाज को आश्वासन दिया है कि 15 नवम्बर तक सरकार मराठा आरक्षण को लागू कर देगी, लेकिन अगर यह नहीं हुआ तो एक दिसंबर से फिर से आंदोलन किया जाएगा.राज्य में मराठा समाज के कुल 33 फीसदी वोटर मौजूद हैं और राज्य सरकार हो या फिर विपक्ष, कोई भी मराठा समाज को नाराज़ नहीं करना चाहता है. इसलिए राज्य सरकार भी मराठा समाज से जुड़े सवालों पर जवाब देने से बचती नज़र आ रही है.
मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समाज के लोगों ने सोमवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में आरक्षण के लिए आत्महत्या करने वाले 37 लोगों के परिजनों की आर्थिक सहायता की. साथी ही 15 नवम्बर तक आरक्षण लागू नहीं होने पर एक दिसंबर से राज्य भर में दोबारा प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी. मुंबई के यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मराठा आरक्षण के लिए आत्महत्या करने वालों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की. मौके पर मौजूद लोगों ने जहां मराठा आरक्षण को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की, तो वहीं राज्य सरकार की ओर से आरक्षण लागू नहीं करने और मृतकों के घर वालों को अबतक आर्थिक सहायता नहीं मिलने के कारण ये लोग नाराज भी दिखे.मराठा आरक्षण की मांग करते हुए मराठा समाज के लोग पिछले डेढ़ साल से राज्य के अलग अलग जगहों पर मूक प्रदर्शन करते आए है, लेकिन इसी साल जुलाई में मराठा आरक्षण की मांग करते हुए औरंगाबाद में काकासाहेब शिंदे ने नदी में कूदकर आत्महत्या की, जिसके बाद मराठा आंदोलन हिंसक हो गया था. इस संबंध में मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक संजय सावंत ने कहा कि राज्य सरकार ने जहां मराठा समाज को आश्वासन दिया है कि 15 नवम्बर तक सरकार मराठा आरक्षण को लागू कर देगी, लेकिन अगर यह नहीं हुआ तो एक दिसंबर से फिर से आंदोलन किया जाएगा.राज्य में मराठा समाज के कुल 33 फीसदी वोटर मौजूद हैं और राज्य सरकार हो या फिर विपक्ष, कोई भी मराठा समाज को नाराज़ नहीं करना चाहता है. इसलिए राज्य सरकार भी मराठा समाज से जुड़े सवालों पर जवाब देने से बचती नज़र आ रही है.
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