राम मंदिर के लिए सरकार क़ानून लाएं. वहीं दूसरी तरफ केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी कह रहे हैं कि बीजेपी राम के मुद्दे पर लोगों के साथ छल न करे.
उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए यह भी कहा कि अगर राम मंदिर पर बात नहीं की गई तो 'अच्छे दिन' की तरह उसे भी जुमला कहना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इस बार तो हम बस चेतावनी देने आ रहे हैं. अगर आपने कुछ नहीं किया तो हम हिंदूवादियों को एक साथ लेकर मंदिर बनाएंगे. मंदिर बनाने का अधिकार केवल आपका नहीं है. उद्धव ने यह भी कहा कि सिर्फ़ हिंदुत्व की वजह से सरकार में है.
2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले मुंबई में पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि देश में '2014 जैसी लहर' नहीं है. भाजपा ने 2014 में अपनी चुनावी जीत का श्रेय 'मोदी लहर' को दिया था. ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा. इसी साल हुए पार्टी के सम्मेलन में शिवसेना ने बोला था कि वह भविष्य में होने वाले चुनाव अकेले लड़ेंगे.
इसके पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर का मुद्दा छेड़ा था. उनकी मांग है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाए. मोहन भागवत ने कहा, 'राम जन्मभूमि स्थल का आवंटन होना बाकी है, जबकि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि उस जगह पर एक मंदिर था. राजनीतिक दखल नहीं होता तो मंदिर बहुत पहले बन गया होता.
उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए यह भी कहा कि अगर राम मंदिर पर बात नहीं की गई तो 'अच्छे दिन' की तरह उसे भी जुमला कहना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इस बार तो हम बस चेतावनी देने आ रहे हैं. अगर आपने कुछ नहीं किया तो हम हिंदूवादियों को एक साथ लेकर मंदिर बनाएंगे. मंदिर बनाने का अधिकार केवल आपका नहीं है. उद्धव ने यह भी कहा कि सिर्फ़ हिंदुत्व की वजह से सरकार में है.
2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले मुंबई में पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि देश में '2014 जैसी लहर' नहीं है. भाजपा ने 2014 में अपनी चुनावी जीत का श्रेय 'मोदी लहर' को दिया था. ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा. इसी साल हुए पार्टी के सम्मेलन में शिवसेना ने बोला था कि वह भविष्य में होने वाले चुनाव अकेले लड़ेंगे.
इसके पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर का मुद्दा छेड़ा था. उनकी मांग है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाए. मोहन भागवत ने कहा, 'राम जन्मभूमि स्थल का आवंटन होना बाकी है, जबकि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि उस जगह पर एक मंदिर था. राजनीतिक दखल नहीं होता तो मंदिर बहुत पहले बन गया होता.
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