पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी पहली चीन यात्रा पर शुक्रवार को बीजिंग पहुंचे. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बातचीत के बाद समझा जाता है कि चीन पाकिस्तान को छह अरब डालर की आर्थिक मदद देने पर सहमत हो गया है.
पाकिस्तान इस समय विदेशी मुद्रा की भारी तंगी के दौर से गुजर रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से उसे राहत पैकेज देने के लिए कड़ी शर्तें रखी गई हैं. पाकिस्तान चाहता है कि मित्र देश उसकी मदद करें ताकि उसे आईएमएफ से कम से कम मदद लेनी पड़े.
इमरान खान ने इस दौरान शी चिनफिंग से कहा, 'पाकिस्तान सरकार के समक्ष बहुत कठिन आर्थिक स्थिति बनी हुई है.' उन्होंने कहा, 'बदकिस्मती से हमारा देश इस समय दो बड़े घाटे के साथ काफी कमजोर स्थिति से गुजर रहा है. पाकिस्तान को राजकोषीय घाटा और चालू खाते के घाटे का सामना करना पड़ रहा है.'
वहीं शी ने खान को भरोसा दिलाते हुए कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को 'राजनयिक रूप से प्राथमिकता' देता है. शी ने कहा, 'चीन हमेशा से ही पाकिस्तान को अपनी राजनयिक प्राथमिकता में मानता है और पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय स्वतंत्रता की सुरक्षा का समर्थन करता है. पाकिस्तान की नई सरकार द्वारा सामान्य ढंग से राजकाज चलाने और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों का भी समर्थन करता है.'
पाकिस्तान को चीन से छह अरब डालर का आर्थिक पैकेज मिलने की उम्मीद है. इसके साथ डेढ़ अरब डालर के कर्ज की पेशकश और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए तीन अरब डॉलर का अतिरिक्त पैकेज दिया जाएगा. कर्ज और निवेश दोनों छह अरब डालर के पैकेज का हिस्सा होंगे. हालांकि, इस रिपोर्ट को लेकर चीन की ओर से आधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है.
बता दें कि इमरान खान पांच नवंबर को शंघाई में आयोजित चीन के अंतरराष्ट्रीय आयात एक्सपो में भी जाएंगे. पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री खान के साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वित्त मंत्री असद उमर, वाणिज्य एवं व्यापार मामलों के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद, रेल मंत्री शेख रशीद और अन्य भी यात्रा पर आए हैं.
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