68,500 सहायक शिक्षकों की भर्ती में भारी गड़बड़ियो को देखते हुए जांच सीबीआई को सौंपी और 12460 सहायक अध्यापक भर्ती निरस्त करने के उच्च न्यायालय की एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ सरकार खंडपीठ में अपील दायर करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार चयनित अभ्यर्थियों के भविष्य की सुरक्षा करेगी।
एकलपीठ का निर्णय आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार सहित विभाग के अधिकारियों को बुलाया।
अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने मुख्यमंत्री को उच्च न्यायालय के फैसले से अवगत कराते हुए विभाग की तरफ से स्थिति स्पष्ट की। मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों में खंडपीठ में अपील करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि चयनित अभ्यर्थी नौकरी कर रहे हैं। चयनित सहायक अध्यापकों और उनके परिवार के भविष्य की सुरक्षा सरकार करेगी। प्रभात कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों में खंडपीठ में अपील करने के निर्देश दिए हैं, जल्द अपील दायर कर एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा।
गड़बड़ियों को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई को 6 माह में जांच पूरी करनी होगी। परीक्षा में धांधलियों, बार कोड के बावजूद उत्तर पुस्तिकाएं बदलने और सही जवाबों पर भी शून्य अंक देने के खिलाफ कोर्ट में सोनिका देवी की याचिका समेत कुल 41 याचिकाएं दायर की गई हैं।
जस्टिस इरशाद अली ने सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए कहा कि परीक्षा में सामने आई गड़बड़ियां तीन मूल अधिकारों अभिव्यक्ति, जीवन और समानता का हनन करती हैं। बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों के मामले सामने आए, जिन्हें 65 नंबर दिए गए। उनके 3-4 प्रश्नों के जवाब सही होते हुए भी शून्य अंक दिए गए। जिससे वे चयन से बाहर हो गए। सोनिका देवी का तो जानबूझकर चयन नहीं किया गया। इन मामलों को न्यायिक जांच के दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने मुख्यमंत्री को उच्च न्यायालय के फैसले से अवगत कराते हुए विभाग की तरफ से स्थिति स्पष्ट की। मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों में खंडपीठ में अपील करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि चयनित अभ्यर्थी नौकरी कर रहे हैं। चयनित सहायक अध्यापकों और उनके परिवार के भविष्य की सुरक्षा सरकार करेगी। प्रभात कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों में खंडपीठ में अपील करने के निर्देश दिए हैं, जल्द अपील दायर कर एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा।
गड़बड़ियों को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई को 6 माह में जांच पूरी करनी होगी। परीक्षा में धांधलियों, बार कोड के बावजूद उत्तर पुस्तिकाएं बदलने और सही जवाबों पर भी शून्य अंक देने के खिलाफ कोर्ट में सोनिका देवी की याचिका समेत कुल 41 याचिकाएं दायर की गई हैं।
जस्टिस इरशाद अली ने सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए कहा कि परीक्षा में सामने आई गड़बड़ियां तीन मूल अधिकारों अभिव्यक्ति, जीवन और समानता का हनन करती हैं। बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों के मामले सामने आए, जिन्हें 65 नंबर दिए गए। उनके 3-4 प्रश्नों के जवाब सही होते हुए भी शून्य अंक दिए गए। जिससे वे चयन से बाहर हो गए। सोनिका देवी का तो जानबूझकर चयन नहीं किया गया। इन मामलों को न्यायिक जांच के दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
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