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Friday, November 02, 2018

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को मिली बड़ी राहत एफआईआर रद्द धर्मशाला स्टेडियम के मामला में

उच्चतम न्यायालय ने धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए जमीन देने के मामले में हुई कथित अनियमितताओं के संबंध में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी शुक्रवार को रद्द कर दी
न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा, 'हम अपील को मंजूर करते हैं। दर्ज प्राथमिकी रद्द की जाती है
ठाकुर, धूमल और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने राज्य की तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार के शासनकाल में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी
ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर धर्मशाला की निचली अदालत में दायर चार्जशीट और मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी 
सर्वाच्च न्यायालय ने इस मामले में एक अक्टूबर को सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था। पिछली सुनवाई में वीरभद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था
कि 2002 में तत्कालीन धूमल सरकार ने बिना किसी नियम के 16 एकड़ जमीन ठाकुर को एक रुपये प्रति साल की दर पर 99 साल के लिए लीज पर दी थी
सिंह ने साथ ही कहा था कि यह राजनीतिक नहीं बल्कि अनियमितता का मामला है, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई भी की थी। इसे देखते हुए ठाकुर की याचिका खारिच कर सभी आरोपियों के खिलाफ ट्रायल पर लगी रोक को हटाया जाए

इससे पहले अनुराग ठाकुर के वकील ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि वह इस मामले में बहस करना चाहते हैं। इसके बाद कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई तय की थी
सुप्रीम कोर्ट ने ठाकुर से पूछा था कि वह बताएं कि इस मामले में बहस करना चाहते हैं या फिर सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को निचली अदालत में मामला वापस लेने की अनुमति दे
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को राजनीतिक माना और कहा कि वह इस पर नहीं जाएंगे, लेकिन कोर्ट में अगर सुनवाई हुई तो वह मेरिट पर होगी। जब राज्य सरकार इस मामले को वापस ले रही है तो हम दखल क्यों दें
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) को कोर्ट ने कहा था कि यदि वह केस वापस लेते हैं तो ही राहत मिल सकेगी। इसे खारिज करने पर दिक्कतें बढ़ेंगी। हालांकि ठाकुर के वकीलों ने कहा था कि वह चाहते हैं
कि कोर्ट एफआईआर को रद्द करे। कोर्ट को बताया गया था कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने उनके और कुछ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है
इस मामले में पूर्व सरकार ने कुल सात मामले दर्ज किए हैं। दो मामले हाईकोर्ट से ही रद्द हो चुके हैं। आपको बता दें कि हिमाचल सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कैबिनेट ने सभी राजनीतिक प्रेरित केस वापस लेने का फैसला किया है
कोर्ट ने हिमाचल सरकार से पूछा था कि क्या अनुराग ठाकुर का केस भी इस दायरे में आता है? अगर इस दायरे में है, तो कैसे? और है तो केस वापस लिया जा सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार से इस पर रूख साफ करने को कहा था। हिमाचल सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह सरकार से निर्देश लेकर आएंगे
एचपीसीए और ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर धर्मशाला की निचली अदालत में दायर चार्जशीट और मुकदमे को रद्द करने की मांग की हिमाचल की तत्कालीन कांग्रेस सरकार में अनुराग ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था

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