सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली-एनसीआर में केवल ग्रीन पटाखे बेचने का आदेश देने के बाद कारोबारियों को 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का झटका लगा है।
दिल्ली पटाखों की बिक्री में देश का सबसे बड़ा थोक बाजार है। दिवाली के अवसर पर उत्तर भारत के अधिकांश व्यापारी यहीं से माल खरीदने के लिए आते हैं। ऐसे में दिवाली पर यहां पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगने से व्यापारी दूसरे शहरों से माल खरीद रहे हैं।देश भर में पटाखों की खुदरा बिक्री धनतेरस के दिन से शुरू होती है और फिर दिवाली की शाम तक चलती है। इन तीन दिनों में ही सबसे ज्यादा लोग पटाखे खरीदते हैं। ऐसे में दिल्ली एनसीआर के व्यापारी पटाखों को कम दाम पर बेचते हैं| इन शहरों में पड़ेगा असर
प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस दिवाली दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। इससे गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, सोनीपत, मेरठ, बुलंदशहर एवं बल्लभगढ़ के पटाखा विक्रेताओं को झटका लगेगा।
पिछली बार भी दिल्ली एनसीआर के लोग आसपास के जिलों से पटाखे खरीदकर लाए थे। दिल्ली का सदर बाजार पटाखों की बिक्री का सबसे बड़ा थोक मार्केट है। दिवाली से पहले हर साल सदर बाजार के 74 दुकानदारों को लाइसेंस मिलता है।
प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस दिवाली दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। इससे गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, सोनीपत, मेरठ, बुलंदशहर एवं बल्लभगढ़ के पटाखा विक्रेताओं को झटका लगेगा।
पिछली बार भी दिल्ली एनसीआर के लोग आसपास के जिलों से पटाखे खरीदकर लाए थे। दिल्ली का सदर बाजार पटाखों की बिक्री का सबसे बड़ा थोक मार्केट है। दिवाली से पहले हर साल सदर बाजार के 74 दुकानदारों को लाइसेंस मिलता है।
No comments:
Post a Comment