केंद्रीय जांच एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच की। दोनों के बीच अपने अपने पावर को लेकर छिड़ी जंग इतनी बढ़ गई की उसमें केंद्र सरकार को दखल देना पड़ा।
मामला तब भी नहीं थमा, इन निदेशकों के समर्थन में आए 13 वरिष्ठ अधिकारियों को हेड ऑफिस से हटा कर दूर- दराज के इलाकों में भेज दिया गया। लेकिन मामला दबने के बजाए और बढ़ गया। जबरन छुट्टी पर भेजे जाने पर गुस्साए अधिकारी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामला कोर्ट में है। जांच चल रही है, पता चला है कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के वी चौधरी और इस जांच में साथ दे रहे दोनों आयुक्तों को जांच में अभी तक भ्रष्टाचार के कोई सबूत नहीं मिले हैं।क्या है पूरा मामला
सीबीआई के दोनों वरिष्ठ अधिकारी के बीच जंग पिछले एक साल से चल रही थी, जो धीरे-धीरे सुर्खियां बटोर रही थी। लेकिन 15 अक्तूबर को आर-पार की लड़ाई में तब बदल गई जब आलोक वर्मा ने अपने दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया और अपने ही मुख्यालय में छापा मारकर एक डीएसपी को हिरासत में लिया।
दो अधिकारियों की नाक और साख की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई। आलोक वर्मा के खिलाफ भी जांच कमेटी बैठी और अस्थाना के खिलाफ भी। अगली सुनवाई 16 नवंबर को होनी है।

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