केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है।
एक जनवरी, 2019 के बाद पंजीकृत होने वाली पब्लिक बसों और कारों में सेफ्टी डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा।
ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा पर नहीं लागू होगा नियम
यातायात मंत्रालय के मुताबिक, सभी तरह के नए पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर यह नियम लागू होगा। हालांकि, ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा इस दायरे में नहीं आएंगे। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनियों को ही मॉनिटरिंग के लिए सर्विस देनी होगी।
राज्य तय करें तारीख
31 दिसंबर, 2018 तक पंजीकृत होने वाले कमर्शियल वाहनों में सेफ्टी डिवाइस लगाने के बारे में संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी देनी होगी। इस संबंध में मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। इसके अलावा मंत्रालय ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सेफ्टी सिस्टम की शुरुआत करने संबंधी जानकारी भी दे दी है।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह आदेश लागू करने के बारे में भी जानकारी देनी होगी। इसमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट में लगने वाली वीएलटी डिवाइस का फिटमेंट और फंक्शनल स्टेटस बताना होगा। वीएलटी डिवाइस को मॉनिटर करने का सिस्टम राज्य सरकारों को खुद, वीएलटी बनाने वाली कंपनी या किसी अन्य एजेंसी से तैयार कराना होगा।
इसके अलावा सभी राज्यों को वाहनों की ओवर स्पीडिंग, डिवाइस हेल्थ स्टेटस के बारे में जानकारी वाहन डेटाबेस को देनी होगी। हर एक वीएलटी डिवाइस की जानकारी वाहन डेटाबेस में अपडेट की जाएगी। वीएलटी बनाने वाली कंपनियां इस डेटा का इस्तेमाल सुरक्षित सिस्टम बनाने में करेंगी।दो बार नोटिफिकेशन जारी
यातायात मंत्रालय ने सबसे पहले नवंबर 2016 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत एक अप्रैल 2017 से पूरे देश की 50 लाख कमर्शियल गाड़ियों में ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन लगाने की डेडलाइन तय की गई थी। हालांकि, जनवरी 2018 में मंत्रालय ने यह नोटिफिकेशन दोबारा जारी किया। इसके बावजूद वाहनों में सेफ्टी डिवाइस नहीं लगीं।
एक जनवरी, 2019 के बाद पंजीकृत होने वाली पब्लिक बसों और कारों में सेफ्टी डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा।
ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा पर नहीं लागू होगा नियम
यातायात मंत्रालय के मुताबिक, सभी तरह के नए पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर यह नियम लागू होगा। हालांकि, ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा इस दायरे में नहीं आएंगे। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनियों को ही मॉनिटरिंग के लिए सर्विस देनी होगी।
राज्य तय करें तारीख
31 दिसंबर, 2018 तक पंजीकृत होने वाले कमर्शियल वाहनों में सेफ्टी डिवाइस लगाने के बारे में संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी देनी होगी। इस संबंध में मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। इसके अलावा मंत्रालय ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सेफ्टी सिस्टम की शुरुआत करने संबंधी जानकारी भी दे दी है।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह आदेश लागू करने के बारे में भी जानकारी देनी होगी। इसमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट में लगने वाली वीएलटी डिवाइस का फिटमेंट और फंक्शनल स्टेटस बताना होगा। वीएलटी डिवाइस को मॉनिटर करने का सिस्टम राज्य सरकारों को खुद, वीएलटी बनाने वाली कंपनी या किसी अन्य एजेंसी से तैयार कराना होगा।
इसके अलावा सभी राज्यों को वाहनों की ओवर स्पीडिंग, डिवाइस हेल्थ स्टेटस के बारे में जानकारी वाहन डेटाबेस को देनी होगी। हर एक वीएलटी डिवाइस की जानकारी वाहन डेटाबेस में अपडेट की जाएगी। वीएलटी बनाने वाली कंपनियां इस डेटा का इस्तेमाल सुरक्षित सिस्टम बनाने में करेंगी।दो बार नोटिफिकेशन जारी
यातायात मंत्रालय ने सबसे पहले नवंबर 2016 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत एक अप्रैल 2017 से पूरे देश की 50 लाख कमर्शियल गाड़ियों में ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन लगाने की डेडलाइन तय की गई थी। हालांकि, जनवरी 2018 में मंत्रालय ने यह नोटिफिकेशन दोबारा जारी किया। इसके बावजूद वाहनों में सेफ्टी डिवाइस नहीं लगीं।
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