सुप्रीम कोर्ट: आसिया बीबी की रिहाई के बाद पाकिस्तान में बवाल, जानें पूरा मामला - Find Any Thing

RECENT

Thursday, November 01, 2018

सुप्रीम कोर्ट: आसिया बीबी की रिहाई के बाद पाकिस्तान में बवाल, जानें पूरा मामला

आसिया बीबी एक इसाई महिला हैं जिन्हें ईश निंदा मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया है, जिसके बाद पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को एक वीडियो के जरिये प्रदर्शनकारियों को कड़ा संदेश दिया। इमरान ने अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले प्रदर्शनकारियों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हो रहे रोड ब्लॉक और प्रदर्शनों से लोगों कि जिंदगी प्रभावित हो रही है। इमरान ने प्रदर्शन करने वाले से कहा कि हम पहले ही आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की कोशिश में लगी हुई है। इमरान खान ने एक वीडियो संदेश के जरिये प्रदर्शनकारियों को सख्त चेतावनी दी।
जाने क्या है पूरा मामला
आसिया बीबी एक ईसाई महिला हैं, उनपर एक मुस्लिम महिला के साथ बातचीत करने के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बारे आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। हालांकि, वह इन आरोपों को लगातार नकारती आई हैं। पाकिस्तान में ईशनिंदा एक बहुत संवेदनशील विषय रहा है। लाहौर के पास शेखपुरा जिले के ननकाना कस्बे में रहने वाली आसिया बीबी पर साल 2009 में ईशनिंदा का इल्जाम लगा। घटना के मुताबिक, आसिया बीबी खेत में मजदूरी कर रही थीं. उस वक्त गांव के एक बुज़ुर्ग की पत्नी ने उनसे पीने के लिए पानी भरने को कहा। बताया जाता है कि वहीं मजदूरी कर रही दूसरी मुस्लिम महिलाओं ने एक गैर-मुस्लिम, आसिया बीबी द्वारा लाए पानी को ‘अशुद्ध’ कह कर पीने से इनकार कर दिया।
आसिया बीबी का अपराध यह था कि उन्होंने इस भेदभाव पर सवाल कर दिया कि ‘क्या हम इंसान नहीं हैं?’आसिया बीबी के सवाल ने बहस की शक्ल अख्तियार कर ली। गांव की नाराज महिलाओं ने स्थानीय मौलवी कारी सलीम से इस विवाद की शिकायत की और आसिया बीबी पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप मढ़ दिया। मौलवी ने फौरन स्थानीय पुलिस को सूचित कर आसिया को पैगम्बर साहब का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार करवा दिया। हालांकि, आसिया बीबी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से लगातार इनकार किया। इसके बावजूद इस पूरे मामले की निष्पक्षता की पुष्टि करने वाला कोई नहीं था। मुकदमे के जज नवेद इकबाल ने 'झूठे आरोपों की संभावना को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया और कहा कि इसमें उन्हें मामले की गंभीरता को कम करने वाली परिस्थितियां नजर नहीं आतीं।' आसिया बीबी ने इस फैसले के खिलाफ लाहौर हाई कोर्ट में अपील दायर की। लेकिन उन्हें हिरासत में लेकर एकांत में डाल दिया गया। आलम ये रहा कि हिरासत या सुनवाई के दौरान वकील भी उनसे मुलाकात नहीं कर सकते थे। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी इस मामले में आसिया की सजा बर्करार रखी। इसके बाद आसिया बीबी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जिसकी पहली सुनवाई 2015 को हुई।
पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून में इबादतगाहों को अपवित्र करने, मजहबी भावनाएं भड़काने, पैगंबर हजरत मोहम्मद की आलोचना और कुरान शरीफ को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है। इस कानून में कुरान को क्षति पहुंचाने वाले के लिए उम्रकैद, जबकि पैगंबर की निंदा करने वाले के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। हालांकि आलोचकों का कहना है कि इस कानून का गलत इस्तेमाल कर अक्सर अल्पसंख्यकों को फंसाया जाता है।

No comments:

Post a Comment

Pages