मुख्यमंत्री ने गौ-पालन के जरिए स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अपने सरकारी आवास में की गाय पालने की घोषणा. परिवार गायों की देखभाल करने के साथ दूध का उपभोग भी करेगा.
मुख्यमंत्री के मुताबिक इस कदम से राज्य के लोगों को भी गौ-पालन की प्रेरणा मिलेगी. जिससे राज्य में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी. गायों के पालन से रोजगार का संकट कैसे दूर हो सकता है, इसके लिए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने एक उदाहरण भी दिया. बोले कि मैं बड़े-बड़े उद्योगों का विरोधी नहीं हूं, मगर दो हजार व्यक्तियों को रोजगार देने के लिए दस हजार करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ता है. इस प्रकार अगर हम पांच हजार परिवारों को दस हजार गाय बांट दें तो हर परिवार छह महीने के भीतर ही कमाने लगेगा. मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा कि वह जल्द ही गायों के वितरण से जुड़ी इस योजना को लांच शुरू करेंगे.
मुख्यमंत्री के मुताबिक इस कदम से राज्य के लोगों को भी गौ-पालन की प्रेरणा मिलेगी. जिससे राज्य में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी. गायों के पालन से रोजगार का संकट कैसे दूर हो सकता है, इसके लिए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने एक उदाहरण भी दिया. बोले कि मैं बड़े-बड़े उद्योगों का विरोधी नहीं हूं, मगर दो हजार व्यक्तियों को रोजगार देने के लिए दस हजार करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ता है. इस प्रकार अगर हम पांच हजार परिवारों को दस हजार गाय बांट दें तो हर परिवार छह महीने के भीतर ही कमाने लगेगा. मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा कि वह जल्द ही गायों के वितरण से जुड़ी इस योजना को लांच शुरू करेंगे.
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