राफेल डील पर एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है. विपक्षी दलों का आरोप है कि पीएम मोदी की अगुवाई में हुए नए सौदे में सरकारी कंपनी HAL यानी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को नजरंदाज किया गया और इसकी जगह अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया गया.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने फ्रांस की लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन के साथ 125 राफेल विमानों का सौदा किया था. जिसमें से 108 विमानों का निर्माण लाइसेंस्ड प्रोडक्शन के तहत HAL द्वारा किया जाना था और 18 विमानों का निर्माण फ्रांस में कर उसे भारत लाने की योजना थी. ये विमान भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जाने थे. हालांकि यह सौदा आगे नहीं बढ़ा. इसके बाद नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने वर्ष 2015 में फ्रांस की सरकार के साथ दूसरा सौदा कर लिया, जिसमें 125 के बजाय सिर्फ 36 राफेल विमानों की खरीद की गई और इन सबका निर्माण फ्रांस में ही कर उसे भारत लाया जाएगा.
कांग्रेस ने पिछले दिनों एक वीडियो भी साझा किया था. कांग्रेस द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट के सीईओ हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के साथ समझौते की बात कर रहे हैं. ये वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे से से 17 दिन पहले का बताया जा रहा है. इसी दौरे में डील पर दस्तख़त हुए, लेकिन एचएएल को डिल में जगह नहीं मिली.
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