भारत और जापान सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रथम संयुक्त सैन्य अभ्यास
‘धर्म गार्जियन-2018’ का आयोजन मिजोरम में शुरू हो चूका हैं| यह आयोजन 01 नवम्बर से 14 नवम्बर 2018 तक मिजोरम के वैरेंटे में स्थित काउंटर इन्सर्जेंसी वारफेयर स्कूल में हो रहा है|
इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स भाग ले रहे हैं. भारत और जापान की सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पहली बार यह संयुक्त सैन्य अभ्यास हो रहा हैं|
भारतीय दल का प्रतिनिधित्व 6/1 गोरखा रायफल्स और जापानी दल का प्रतिनिधित्व जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स की 32 इन्फैंट्री रेजीमेंट द्वारा किया जा रहा है. इस सैन्य अभ्यास से भारत और जापान की सेनाओं को सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए समन्वय भी बेहतर होगा|
संयुक्त सैन्य अभ्यास
* इस युद्ध अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं युद्ध की स्थिति के लिए अभ्यास करेंगी तथा युद्ध के मध्यनज़र योजना निर्माण तथा उसके क्रियान्वयन का अभ्यास भी करेंगी|
* इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में जंगली इलाके में युधाभ्यास किया जा रहा हैं. इसका उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच इंटर-ओपेराबिलिटी को बढ़ावा देना हैं|
* इस दौरान दोनों देशों से सुरक्षा विशेषज्ञ सेना के कार्य सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा करेंगे. दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग सहित सामरिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है|
* इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के बीच आपसी सम्बन्ध बेहतर होंगे तथा आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने में सहायता मिलेगी|
* इस सैन्य अभ्यास से पारंस्परिक समझ विकसित करने और एक दूसरे की सेनाओं के प्रति सम्मान भाव उत्पन्न करने में काफी मदद मिलेगी|
* इससे आतंकवाद से जुड़े वैश्विक घटनाक्रम पर करीबी नजर रखने में भी आसानी होगी. भारत और जापान के प्रगतिशील सबंधों में यह एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा. यह अभ्यास जापान की थल सेना के साथ पहला सैनिक अभ्यास हैं|
इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स भाग ले रहे हैं. भारत और जापान की सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पहली बार यह संयुक्त सैन्य अभ्यास हो रहा हैं|
भारतीय दल का प्रतिनिधित्व 6/1 गोरखा रायफल्स और जापानी दल का प्रतिनिधित्व जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स की 32 इन्फैंट्री रेजीमेंट द्वारा किया जा रहा है. इस सैन्य अभ्यास से भारत और जापान की सेनाओं को सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए समन्वय भी बेहतर होगा|
संयुक्त सैन्य अभ्यास
* इस युद्ध अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं युद्ध की स्थिति के लिए अभ्यास करेंगी तथा युद्ध के मध्यनज़र योजना निर्माण तथा उसके क्रियान्वयन का अभ्यास भी करेंगी|
* इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में जंगली इलाके में युधाभ्यास किया जा रहा हैं. इसका उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच इंटर-ओपेराबिलिटी को बढ़ावा देना हैं|
* इस दौरान दोनों देशों से सुरक्षा विशेषज्ञ सेना के कार्य सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा करेंगे. दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग सहित सामरिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है|
* इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के बीच आपसी सम्बन्ध बेहतर होंगे तथा आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने में सहायता मिलेगी|
* इस सैन्य अभ्यास से पारंस्परिक समझ विकसित करने और एक दूसरे की सेनाओं के प्रति सम्मान भाव उत्पन्न करने में काफी मदद मिलेगी|
* इससे आतंकवाद से जुड़े वैश्विक घटनाक्रम पर करीबी नजर रखने में भी आसानी होगी. भारत और जापान के प्रगतिशील सबंधों में यह एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा. यह अभ्यास जापान की थल सेना के साथ पहला सैनिक अभ्यास हैं|

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