Amazon and Flipkart कंपनियों के पास 5 हजार रुपये का स्टॉक शेष, E-commerce कंपनियों की मुश्किले बढ़ी.
(Amazon and Flipkart companies hold stock of Rs 5000)
ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। अमेजन और फ्लिपकार्ट कंपनियों के पास करीब 5 हजार रुपये का स्टॉक पड़ा हुआ है। इन कंपनियों को अपना यह स्टॉक 1 फरवरी से पहले खत्म करना होगा। इसके साथ ही अब ऐसे व्यापारी अपना सामान इन प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएंगे, जिन्होंने कंपनी में हिस्सेदारी भी खरीद रखी है। अमेजन और उसकी डिलिवरी साझेदारी कंपनी क्लाउडटेल इंडिया को सबसे झटका लगा है. क्लाउडटेल अमेजन पर सबसे बड़ा विक्रेता है, जो कि तेज डिलिवरी और स्टॉक कंट्रोल पर नजर रखता है। अमेजन पर मौजूद छोटे व्यापारियों का आरोप है कि उनके उत्पादों को पहले बेचने के बजाए हमेशा बड़े व्यापारियों को तरजीह मिलती है।
क्लाउडटेल इंडिया और अमेजन की 51:49 के अनुपात में साझेदारी है। क्लाउडटेल ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 7149 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था| सरकार को आगामी आम चुनावों में छोटे कारोबारियों का वोट पाने की उम्मीदों को झटका लग सकता है। दोनों कंपनियों के पास करीब 5 हजार रुपये का स्टॉक पड़ा है और उनको बचने के लिए 1 फरवरी का समय दिया गया है|दोनों कंपनी के लिए मुसीबत बानी हुई है. सरकार ने देश के छोटे और खुदरा कारोबारियों को राहत देने के लिए अगले साल 1 फरवरी से ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नई और सख्त नीति लागू करने की मंजूरी दी है।
कंपनियों के बंपर छूट और कैशबैक जैसे ऑफर से कई छोटे कारोबारियों का मुनाफा आधा हो गया और उन्हें अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। वे अपना सामान इन प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएंगे इसलिए सामान बचने के लिए 1 फरवरी का समय दिया गया है|
क्लाउडटेल इंडिया और अमेजन की 51:49 के अनुपात में साझेदारी है। क्लाउडटेल ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 7149 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था| सरकार को आगामी आम चुनावों में छोटे कारोबारियों का वोट पाने की उम्मीदों को झटका लग सकता है। दोनों कंपनियों के पास करीब 5 हजार रुपये का स्टॉक पड़ा है और उनको बचने के लिए 1 फरवरी का समय दिया गया है|दोनों कंपनी के लिए मुसीबत बानी हुई है. सरकार ने देश के छोटे और खुदरा कारोबारियों को राहत देने के लिए अगले साल 1 फरवरी से ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नई और सख्त नीति लागू करने की मंजूरी दी है।
कंपनियों के बंपर छूट और कैशबैक जैसे ऑफर से कई छोटे कारोबारियों का मुनाफा आधा हो गया और उन्हें अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। वे अपना सामान इन प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएंगे इसलिए सामान बचने के लिए 1 फरवरी का समय दिया गया है|
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