2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बनाई खास रणनीति.
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें काफी हद तक तय करती हैं| राजनीतिक तौर पर काफी अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा और आरएसएस के नेतृत्व वाला संघ परिवार पिछले कुछ महीनों से एक योजना पर जोर-शोर से काम कर रहे हैं.बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव की तैयारी अच्छे से करनी होगी.झड़पिया की नियुक्ति का मकसद पार्टी के भीतर गुटबाजी को खत्म करना
गुजरात के पूर्व गृह मंत्री गोवर्धन झड़पिया की बुधवार को हुई नियुक्ति इसी रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है। झड़पिया की नियुक्ति का मुख्य मकसद पार्टी के भीतर गुटबाजी को खत्म करना और क्षमतावान नेताओं का भरपूर लाभ उठाना है। झड़पिया चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से असंतुष्ट पार्टी के कई नेताओं को साधने की कोशिश करेंगे|
फीडबैक के आधार पर टिकटों का बंटवारा
2019 के चुनावों में बीजेपी शायद ही इससे अच्छा प्रदर्शन कर पाए। क्योंकि, राज्य में एसपी और बीएसपी के गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रही हैं| यूपी की जिन 71 सीटों पर बीजेपी ने पिछली बार जीत हासिल की थी| इसी फीडबैक के आधार पर टिकटों का बंटवारा किया जाएगा|
टिकट बंटवारे में आरएसएस का अहम रोल
आरएसएस भी बीजेपी को सलाह देती रही है कि चुनाव में कौन से मुद्दे प्रासंगिक हैं और कहां पार्टी पिछड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी राज्य में बेहद लोकप्रिय हैं, फिर भी बीजेपी कोई चांस नहीं लेना चाह रही है। इसका अंदाजा उनके निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में तैनात बीजेपी नेताओं की तादाद से लग सकता है।नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय होने के बाबजूद बीजेपी कोई चांस नहीं ले सकती है.
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