सरकार अब किसी भी कंप्यूटर का डेटा खंगाल सकती है.
मोदी सरकार ने आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब किसी भी कंप्यूटर का डेटा सरकार खंगाल सकती है. गृह मंत्रालय ने कंप्यूटर के डेटा की जांच के लिए 10 केंद्रीय एजेंसियों के अधिकार बढ़ा दिए हैं. एजेंसियों को ऐसे अधिकार दिए गए हैं. केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को इस बारे में आदेश जारी किए. इसके बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और इसे निजता के अधिकार पर हमला बताया.इस आदेश से सरकार देश के हर नागरिक की पूरी जानकारी को देखने की अनुमति दे रही है. इससे प्रजातंत्र को भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है. हमने ये कहा है कि सरकार की तरफ से एक भारी संख्या में जो सम्मानित लोग हैं, सांसद हैं या बड़े अधिकारी या सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जज के टेलीफोन भी चेक हो रहे हैं. यह सरकार पूरी तरह से तानाशाही के रास्ते पर है. सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस ने जोरदार हमला किया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे निजता पर सरकार का हमला करार दिया और ट्वीट कर कहा कि ' अबकी बार, निजता पर वार.पिछला चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार अब आपके कंप्यूटर की जासूसी करना चाहती है.
हर नागरिक की जासूसी करने की चाहत रखने वाला ये आदेश असंवैधानिक है और टेलीफ़ोन टैपिंग गाइडलाइंस, निजता के अधिकार पर आदेश और आधार पर आदेश का उल्लंघन है.सरकार अब किसी भी कंप्यूटर का डाटा देख सकती है.

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