प्रोफेसर रतन लाल को ग्लिंका वर्ल्ड सॉइल अवॉर्ड 2018 के नबाजा गया.
भारतीय वैज्ञानिक व अमेरिका के प्रतिष्ठित ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में मृदा विज्ञान के अध्यापक रतन लाल को ग्लिंका वर्ल्ड सॉइल अवॉर्ड 2018 से नबाजा गया है. रतन लाल को यह अवॉर्ड उन्हें संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के रोम मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में सतत मृदा प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला है. इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉइल साइंस के अध्यक्ष रतन लाल को सतत मृदा प्रबंधन और मृदा संसाधनों की सुरक्षा में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए विश्व मृदा दिवस पर सम्मानित किया गया है. ग्लिंका वर्ल्ड सॉइल अवॉर्ड को मृदा विज्ञान में सर्वोच्च सम्मान माना जाता है.रतन लाल का जन्म पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब स्थित गुजरांवाला में हुआ. उनका परिवार 1948 में शरणार्थी के तौर पर भारत आ गया था. वह भारत में पढ़ाई करने के बाद मृदा विज्ञान में अपने काम के लिए अमेरिका आ गए थे. उन्होंने विज्ञान को नीति और निर्णय लेने में शामिल करने के लिए मह्त्बपूर्ण भूमिका निभाई है.
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