आलोक वर्मा को सरकार का फरमान, 77 दिनों के बाद और आखिरी दिन संभालें कार्यभार
(Alok Verma hand over the decree of the government, after 77 days and on the last day)मोदी जी की अध्यक्षता वाली सेलेक्शन कमेटी द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने एक पत्र लिखकर गृह मंत्रालय से अपील की थी कि उन्हें उसी दिन से पद से हटा हुआ माना जाए क्योंकि जिस पद पर उनका ट्रांसफर किया गया था उस पद पर सेवा देने की उम्र उन्होंने पहले ही पूरी कर ली है. गृह मंत्रालय ने करीब दो हफ्ते बाद उन्हें जवाब दिया है कि उन्हें आज यानी गुरुवार को ऑफिस आना ही पड़ेगा. आज वर्मा के कार्यकाल का आखिरी दिन है. वर्मा को एक दिन के लिए ऑफिस आना होगा क्योंकि गुरुवार को उनके कार्यकाल का आखिरी दिन है.'
10 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाए जाने के बाद 11 जनवरी को उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें उसी दिन से रिटायर्ड माना जाए. वर्मा को सबसे पहले सीबीआई डायरेक्टर के पद से अक्टूबर में ही सीवीसी की सिफारिश के बाद हटा दिया गया था लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में उन्हें उनके पद पर बहाल कर दिया था. लोकसभा में विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया था लेकिन जस्टिस एके सीकरी ने पीएम मोदी का समर्थन किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस सीवीसी जांच की निगरानी करने वाले जस्टिस एके पटनायक ने इस फैसले की आलोचना की थी और उन्होंने बोला था की ये फैसला जल्दबाजी में लिया गया था.
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