क्या कोई मराठी बन सकता है देश का पीएम, फडणवीस ने कहा जी हाँ बिल्कुल.
(Can someone become a PM, the country's PM, Fadnavis said yes)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि मराठी भी देश का प्रधानमंत्री बन सकते हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा मराठियों ने देश पर शासन किया है और मुझे पूरा विश्वास है कि वह देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं। 18वीं सदी में मराठा सेना ने विजय प्राप्त की थी। यह स्थान अब पाकिस्तान में स्थित है। फडणवीस ने आगे कहा, ‘इसलिए मेरा पूरी तरह से मानना है कि 2050 तक हम देश के उच्च पद पर एक नहीं एक से ज्यादा महाराष्ट्रियनों को देख सकते हैं।’ केंद्रीय मंत्री और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे लेकिन फडणवीस के यह बयान देने के बाद वह स्थल से चले गए। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।मुझे पूरा विश्वास है कि मराठी भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता हैं। राजनीतिक पार्टियों की जाति राजनीति पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज हमारे देश की जनसांख्यिकी को देखते हुए, 'जहां 65 प्रतिशत जनसंख्या 40 की उम्र से नीचे है और 45 प्रतिशत 25 साल से नीचे हैं, यहां अपेक्षा 'यहां और अभी' केवल बढ़ेगी। यह अवसर सरकार के बाहर उपलब्ध हैं। बेशक, यह भी सच है कि आरक्षण अभी भी उनमें से कई को सशक्तिकरण की भावना उत्पान करता है.
(Can someone become a PM, the country's PM, Fadnavis said yes)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि मराठी भी देश का प्रधानमंत्री बन सकते हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा मराठियों ने देश पर शासन किया है और मुझे पूरा विश्वास है कि वह देश के प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं। 18वीं सदी में मराठा सेना ने विजय प्राप्त की थी। यह स्थान अब पाकिस्तान में स्थित है। फडणवीस ने आगे कहा, ‘इसलिए मेरा पूरी तरह से मानना है कि 2050 तक हम देश के उच्च पद पर एक नहीं एक से ज्यादा महाराष्ट्रियनों को देख सकते हैं।’ केंद्रीय मंत्री और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे लेकिन फडणवीस के यह बयान देने के बाद वह स्थल से चले गए। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।मुझे पूरा विश्वास है कि मराठी भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता हैं। राजनीतिक पार्टियों की जाति राजनीति पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज हमारे देश की जनसांख्यिकी को देखते हुए, 'जहां 65 प्रतिशत जनसंख्या 40 की उम्र से नीचे है और 45 प्रतिशत 25 साल से नीचे हैं, यहां अपेक्षा 'यहां और अभी' केवल बढ़ेगी। यह अवसर सरकार के बाहर उपलब्ध हैं। बेशक, यह भी सच है कि आरक्षण अभी भी उनमें से कई को सशक्तिकरण की भावना उत्पान करता है.
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