बिहार में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारें को लेकर खींचतानी, विवाद की जड़ है ये
(It is the root of the dispute, pulling on seat divisions between the alliance in Bihar)बिहार में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारें को लेकर खींचतान की स्थिति बनती दिख रही है। इस खींचतान का तनाव कांग्रेस के माथे पर भी दिखने लगा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में भी महागठबंधन के दल कांग्रेस के बिना मैदान में उतर सकते हैं।कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि बिहार में उसे सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी और उत्तर प्रदेश की तरह बर्ताव नहीं किया जाएगा। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह के मुताबिक बिहार में राष्ट्रीय जनता दल भले ही बड़े भाई की भूमिका में है मगर देश में एनडीए के खिलाफ राहुल गांधी ही चेहरा हैं।राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि महागठबंधन में कोई समस्या नहीं है, बातचीत जारी है और जल्द ही सबकुछ तय हो जाएगा।
क्या यह मुद्दा है विवाद की जड़?कांग्रेस 10 से कम सीटों पर राजी नहीं होगी। इसके अलावा गरीबों को दिए गए आरक्षण को लेकर दोनों पार्टियों का अलग-अलग रूख भी विवाद की वजह बन सकता है। राजद और कांग्रेस के अलग होने पर कांग्रेस सवर्ण मतदाताओं को यह दिखाने का प्रयास करेगी कि उसने राजद से नाता तोड़ लिया जबकि राजद अपने पारंपरिक वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करेगी।
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस कम से कम 16 सीटें मांग रही है और यह संकेत भी दे रही है कि कांग्रेस किसी भी हाल में 12 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी। यही वजह है कि राजद ने बिना कांग्रेस के गठबंधन के फॉर्मूले पर विचार करना शुरू कर दिया है।
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