इन तीनो के हाथ में है सत्ता की चाबी BJP को हो सकता है फायदा .
(These three are in the hands of the power of the BJP, the advantage of the BJP)पिछले दिनों कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में हुई विपक्षी पार्टियों की महारैली के कई रोचक पहलू सामने आ रहे हैं. ममता बनर्जी की इस रैली में देशभर की 20 पार्टियों के 25 नेता शामिल हुए. इन पार्टियों का एक ही मकसद है- आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना और उसे सत्ता में वापसी से रोकना. हालांकि इस रैली से तीन बड़ी गैर-एनडीए पार्टियां नदारद रहीं.
ये तीन पार्टियां ही तय करेंगी कि नरेंद्र मोदी दोबारा पीएम बनेंगे या नहीं. जगन रेड्डी और नवीन पटनायक के हाथ में है सत्ता की चाबी है.
बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजद सांसदों का सदन से वॉक आउट करना, ओडिशा में अच्छे काम के लिए पीएम मोदी की तारीफ या फिर राज्यों में एक साथ चुनाव के लिए बीजेपी का समर्थन.. ये तीन ऐसे उदाहरण हैं जिनसे बीजद का झुकाव बीजेपी की तरफ साफ नजर आता है.
हाल ही में पीएम मोदी के खिलाफ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की टिप्पणी के बावजूद पार्टी से जुड़े सूत्रों का मानना है कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में बीजद बीजेपी का साथ दे सकती है. पार्टी के आंतरिक सर्वे में यह सामने आया है कि पार्टी राज्य की सभी 21 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली है.
हाल ही में पीएम मोदी के खिलाफ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की टिप्पणी के बावजूद पार्टी से जुड़े सूत्रों का मानना है कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में बीजद बीजेपी का साथ दे सकती है. पार्टी के आंतरिक सर्वे में यह सामने आया है कि पार्टी राज्य की सभी 21 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली है.
ऐसे में इन तीन पार्टियों को देखते हुए बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. इन तीन पार्टियों से ही जीत का फैसला होगा.दूसरी तरफ हाल ही में तेलंगाना में संपन्न हुए विधानसभा और पंचायत चुनाव में टीआरएस को बड़ी जीत हासिल हुई है. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी राज्य की 17 में से 15 लोकसभा सीटें हासिल कर लेगी. इसमें कोई संदेह नहीं है कि समर्थन की जरूरत पड़ने पर पार्टी बीजेपी के साथ जा सकती है.
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