आखिर क्यों नही किया गठबंधन में कांग्रेस को शामिल.
(Why did not the Congress join the coalition)लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी के विजयरथ को उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए बसपा अध्यक्ष मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गठबंधन का एलान कर दिया है. कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर रखा गया है. कांग्रेस को साथ न लेने की वजह मायावती ने बताई.उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नीतियां एक तरह की है. इसके अलावा कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का अनुभव सपा और बसपा के लिए बेहतर नहीं रहे हैं, इसी मद्देनजर उन्हें शामिल नहीं किया गया है.
मायावती ने कहा कि रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ गठबंधन अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगा.
इसी तरह से 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन उसका भी फायदा सपा को नहीं मिल सका था.उन्होंने कहा कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत कांग्रेस का वोट बीजेपी में ट्रांसफर हो जाता है. इसी के चलते कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं किया है. जबकि सपा-बसपा ने पहले गठबंधन करके देख चुके हैं. और मायावती ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से माना कर दिया था. मायाावती ने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक देश और उत्तर प्रदेश में सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस ने राज किया है. कांग्रेस के राज में कमजोर वर्ग, किसान, व्यापारी, दलित और ओबीसी के लोग परेशान रहे हैं. इनके शासनकाल में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बढ़ा है. इसी के चलते बसपा और सपा जैसी राजनीतिक पार्टियों का गठन हुआ ताकि कांग्रेस के मनमानी तरीके से किए जा रहे शासन को मुक्ति मिल सके. कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने घोषित रूप से आपातकाल लगा रखा था और बीजेपी ने अघोषित रूप से लगा रखा है. असम में देखिए किस तरह के हालत हैं. सपा-बसपा ने गठबंधन करके चुनाव लड़ने पर 1977 जैसा नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा.
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