इस दोनों की जोड़ी modi के लिए साबित हो सकती है खतरे की घंटी.
(he couple's duo may prove to be the modi of danger bells)उत्तर प्रदेश में विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने का मास्टरप्लान तैयार किया है. अखिलेश यादव और मायावती की जोड़ी ने मोदी लहर की काट निकालने की कोशिश की है जिसका ऐलान आज हो जाएगा. अखिलेश-मायावती की जोड़ी पीएम मोदी के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है क्योंकि उपचुनाव में ये जोड़ी कमाल दिखा चुकी है.
अखिलेश और मायावती दोनों ने साथ आने के संकेत काफी पहले से देने शुरू कर दिए थे. इस जोडी का फॉर्मूला यूपी में हुए उपचुनाव में निकला, जहां लोकसभा चुनाव में डंके बजाने वाली बीजेपी को चारो खाने चित होना पड़ा.
बीजेपी का गढ़ और योगी आदित्यनाथ का चुनावी क्षेत्र गोरखपुर बीजेपी के हाथ से निकल गया. इसके अलावा फूलपुर में भी मायावती के उम्मीदवार के चुनाव न लड़ने से बीजेपी को एसपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. कैराना और नूरपुर की सीट भी बीजेपी के हाथ से निकल गई. ये जोड़ी मोदी के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर सामने आई है. इस जोड़ी ने modi को 2019 का लोकसभा चुनाव हराने के लिए मास्टरप्लान भी तैयार कर लिया है.
2014 के चुनाव में दोनों ही पार्टियों को बुरा हाल रहा था. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जहां 71 सीटें मिली थी. वहीं एसपी को 5 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थी, जबकि बीएसपी अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी.
2014 के चुनाव में दोनों ही पार्टियों को बुरा हाल रहा था. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जहां 71 सीटें मिली थी. वहीं एसपी को 5 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थी, जबकि बीएसपी अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी.
मोदी लहर के बावजूद वोट प्रतिशत के मामले में एसपी-बीएसपी काफी मजबूत रही थी और अगर 2014 जैसी लहर मान ले तो ये गठबंधन आंकड़ों के हिसाब से मोदी सरकार के पसीने छुड़ा सकता है.
2014 में मोदी लहर के बावजूद सपा-बसपा 41.80 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रही थी. ये जोड़ी बीजेपी और मोदी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है और पीएम के रास्ते और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
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