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Sunday, February 10, 2019

लोकसभा चुनाव से पहले मायावती पर बड़ा संकट, लौटने होंगे मूर्तियों पर खर्च किये पैसे अपनी जेब से

लोकसभा चुनाव से पहले मायावती पर बड़ा संकट, लौटने होंगे मूर्तियों पर खर्च किये पैसे अपनी जेब से.

(Prior to the Lok Sabha elections, a big crisis on Mayawati, will have to return the money spent on idols with her pocket)
लोकसभा चुनाव सिर पर है और मायावती पर एक बड़ा संकट आ गया है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में लगी हाथियों की मूर्तियां, बसपा के संस्थापक काशी राम और उनकी खुद की मूर्तियों पर खर्च हुई राशि को लोटने के लिए कहा है. मायावती के शासनकाल में इन मूर्तियों पर अनुमानित 59 करोड़ रुपये का खर्च आया था. जिसमें उनकी खुद की प्रतिमाओं पर 3 करोड़ 49 लाख रुपये, काशीराम की प्रतिमा पर 3 करोड़ 77 लाख रुपये और चुनाव चिह्न हाथी की मूर्ति पर 52 करोड़ रुपये का खर्च किया गया था. CJI ने कहा कि हमारा प्रारंभिक विचार है कि मायावती को मूर्तियों का सारा पैसा अपनी जेब से सरकारी खजाने को भुगतान करना चाहिए. मायावती की ओर से सतीश मिश्रा ने कहा कि इस केस की सुनवाई मई के बाद हो, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें कुछ और कहने के लिए मजबूर न करें. अब इस मामले में 2 अप्रैल को सुनवाई होगी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपक गुप्ता की बेंच ने अपनी राय में कहा, मायावती इन मूर्तियों पर खर्च धन की प्रतिपूर्ति सरकार के खजाने को करें." गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी उनको खुद बचाव करने को छोड़ दिया है जिससे उनकी समस्या बढ़ गई है. बुआ जी पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते रहने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पास अब कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा, "मैंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बारे में पूरा नहीं पढ़ा है. बसपा के वकील मसले से निबटेंगे. मायावती पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के अलावा स्मारकों के ठेके देने में गड़बड़ी करने का आरोप है. उनको सारा धन लौटने को खा गया है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता रविकांत ने कहा कि सत्ता में रहते हुए राजनीतिक हितों के लिए सरकारी धन का खुल्लमखुल्ला उपयोग किया गया.

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