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Wednesday, February 06, 2019

सबरीमाला मंदिर पर याचिकाकर्ता ने दी दलील, जब तक कुछ गलत न हो सुप्रीम कोर्ट दखल न दे

सबरीमाला मंदिर पर याचिकाकर्ता ने दी दलील, जब तक कुछ गलत न हो सुप्रीम कोर्ट दखल न दे.

(The petitioner has argued on Sabarimala temple, till the Supreme Court does not interfere unless something is wrong)
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश को लेकर दायर की गई समीक्षा याचिकाओं याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी है. इनमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं. इस मामले में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट को तब तक दखल नहीं देना चाहिए जब तक कुछ गलत ना हो. सुप्रीम कोर्ट को कुछ गलत होने के बाद ही दखल देना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट कोर्ट चार महीने पहले ही मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. कोर्ट के फैसले के विरोध में केरल के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में करीब 65 समीक्षा याचिकाएं दायर की गई है, इसके अलावा अदालत की अवमानना की याचिकाएं भी दायर की गई हैं. समीक्षा याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में आदेश दिया था कि केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं. किसी को आयु या लिंग के आधार पर मंदिर जाने से नहीं रोका जा सकता है. मंदिर में सभी को प्रवेश की इजाजत है.

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