खुफिया एजेंसी ने 8 फरवरी को IED हमले का अलर्ट जारी किया था, पूरे इलाके को सुरक्षित कर लिया जाए.
(The intelligence agency issued an IED attack alert on February 8, the entire area should be secured)
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. सीआरपीएफ़ के काफिले पर जिस वक्त ये हमला हुआ करीब 2500 जवान काफ़िले में थे. फिदायीन हमलावर ने 350 किलो विस्फोटक सामग्री से लदी गाड़ी जवानों से भरी बस से भिड़ा दी. इस हमले की गंभीरता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि पहली बार घाटी में मानव बम का इस्तेमाल हुआ. जैश-ए मोहम्मद ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है. सूत्रों ने बताया कि इससे 2 दिन पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर में आत्मघाती हमले की चेतावनी दी थी. हमले के तरीके की तरफ इशारा करते हुए जैश ने एक वीडियो ऑनलाइन अपलोड किया था.(The intelligence agency issued an IED attack alert on February 8, the entire area should be secured)
खुफिया एजेंसी ने 8 फरवरी को IED हमले का अलर्ट जारी किया था. सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि किसी भी जगह पर तैनाती से पहले पूरे इलाके को अच्छी तरह से सुरक्षित कर लिया जाए, क्योंकि ऐसी सूचना मिली है कि IED का इस्तेमाल हमले के लिए किया जा सकता है.अधिकारियों ने आशंका जताई है कि पुलवामा जिले में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों की आवाजाही के बारे में आतंकवादियों को जानकारी मिली होगी, इसलिए उन्होंने ऐसा किया.
एक सुरक्षा अधिकारी ने आशंका जताई, 'सैनिकों की इतनी बड़ी आवाजाही को बहुत सारे लोग जानते होंगे. इस जानकारी के आतंकवादियों तक पहुंचने की आशंका है.' उन्होंने बताया कि इसके अलावा, घाटी जाने वाले कर्मियों की संख्या अधिक थी, क्योंकि खराब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से राजमार्ग पर पिछले दो से तीन दिनों से कोई आवाजाही नहीं थी. उन्होंनें बताया कि संबंधित एजेंसियां सभी पहलुओं से हमले की जांच करेगी.
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