जहरीली शराब से गयी लोगो की जान हुआ बड़ा खुलासा, जानिए क्या हुआ था.
(The life of the poisonous liquor came from a big disclosure, know what happened)यूपी और उत्तराखंड में जहरीली शराब से हुई 100 से ज्यादा मौतों पर बड़ा खुलासा हुआ है। गांवों में रेक्टीफायर के नाम से मशहूर केमिकल कच्ची शराब को अधिक नशीला बनाता है। कहते हैं कि इसकी मात्रा ज्यादा हो जाए तो यही नशा जहर बन जाता है। यूपी के एजेंट बाल्लुपुर समेत आसपास के गांवों इसकी सप्लाई करते हैं। हर दिन एजेंट शराब माफिया को यह केमिकल बेचने के लिए यूपी की सरहदें पार कर उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों में पहुंचते हैं।
ग्रामीणों की मानें तो इसकी अधिक मात्रा ने ही शराब में जहर घोल दिया और ऊससे इतने सारे लोगो की जान चली गयी.
पुलिस ने जहरीली शराब के आरोपियों को पकड़कर मामले का खुलासा तो कर दिया गया है, लेकिन अभी यह जानना बाकी है कि शराब को जहर बनाने का काम किसने और किस तरह किया। बताया जाता है कि कच्ची शराब बनाने वाले मौत के सौदागार अंदाजे से ही केमिकल की मात्रा को कम और ज्यादा करते हैं। यही अंदाजा कभी भी लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है।
एक बोतल केमिकल से कच्ची शराब की 20 बोतलें तैयार की जाती है। रेक्टीफायर के रूप में मौत का यह सामान 100 रुपये प्रति बोतल से भी कम में बेचा जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि शराब माफिया जो कच्ची शराब बनाते हैं, उसे और नशीली बनाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।कुछ एजेंट सहारनपुर और मुजफ्फरनगर क्षेत्र में स्थापित शराब की फैक्ट्रियों से रेक्टीफायर को बहुत कम दाम में खरीदते हैं। और इन्हें उत्तराखंड के गांवों में सप्लाई किया जाता है।
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