होने वाले है पांच साल पूरे, कहां तक पहुंचा डिजिटल इंडिया.
(Where is it going to be five years, where is the digital India)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई, 2015 को डिजिटल इंडिया लॉन्च किया था. डिजिटल इंडिया लॉन्च करने का कारण ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट नेटवर्क से कनेक्ट करना और डिजिटल लिटरेसी को बेहतर करना है. पांच साल होने को हैं. अब तक डिजिटल इंडिया कहा तक पुहुचा है. ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी कहने को तो पहुंच रही है, लेकिन इसे इस्तेमाल कैसे किया जाए ये साफ नहीं है. कई ग्रामीण इलाकों का हाल ये है कि वहां फाइबर पहुंचा दिए गए हैं. कंप्यूटर्स भी उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन अब आगे क्या किया जाएगा, अब तक कुछ नहीं दिखता है.
वाईफाई कनेक्टिविटी लगाने का भी प्रोजेक्ट चालू है, लेकिन यूजर्स को इससे कितना लाभ मिल रहा है इसका ऐस्सेमेंट अभी होना बाकी है राष्ट्रपति राममाथ कोविंद ने बजट से पूर्व अपने अभिभाषण में डिजिटल इंडिया का जिक्र किया है. राष्ट्रपति ने डिजिटल इंडिया की उपलब्धि गिनाई है. उन्होंने कहा है कि 2014 में देश में सिर्फ 59 ग्राम पंचायतों तक ही डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच पाई थी. आज 1 लाख 16 हजार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फायबर से जोड़ दिया गया है राष्ट्रपति के मुताबिक 2014 में देश में सिर्फ 84 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थे, लेकिन अब ये तेजी से बढ़ें हैं और ये तीन लाख से ज्यादा हो गए हैं. उन्होंने डेटा सस्ते होने पर कहा है कि अब लोगों को कम दर पर ज्यादा डेटा मिल रहा है. अब लोगो को आधे दामों में डाटा मिल रहा है.
जुलाई 2018 में पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव से देश में 3 लाख जॉब्स बने हैं और सिटिजन जागरूक हुए हैं. पीएम ने कहा है कि 3 लाख कॉनम सर्विस सेंटर का नेटवर्क तैयरा किया गया है जिन्हें डिजिटल सर्विस डिलिवरी का ऐक्सेस प्वॉइंट के तौर पर यूज किया जाता है.
मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के.जे अलफॉन्स ने लोकसभा को दिए एक लिखित जवाब में कहा है कि 15 फरवरी 2018 तक देश में 89.2 फीसदी लोगों को आधार इश्यू कर दिए गए हैं.
डिजिटल साक्षरता अभियान (DISHA) की बात करें तो इसका मकसद 2020 तक हर फैमिली में से कम से कम किसी एक को डिजिटल साक्षर बनाना है. 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायत को वाईफाई से जोड़ना और ब्रॉडबैंड भी प्रदान किया है.
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