न्यूजीलैंड की मस्जिदों में आतंकी हमले में 49 की मौत
49 killed in terror attacks in New Zealand mosques
'लाइव मर्डर' से दुनियाभर के लोग सहम गए हैं। इस घटना को ऑस्ट्रेलिया के रहने 28 साल का ब्रेंटन टैरंट है। जिस ने अपनी इस हरकत को दुनिया को दिखाने के लिए पूरे 17 मिनट तक फेसबुक लाइव भी किया था। वह मस्जिद में अंधाधुंध गोलियां बरसाता रहा और जहां-तहां लाशें बिछ गयी । दिल दहला देने वाला यह मंजर जिसने भी देखा, उसे समझ में नहीं आया कि आखिर कोई इंसान इतना बेरहम कैसे हो सकता है? ब्रेंटन टैरंट जानकारियां सामने आ रही हैं जिससे पता चला है कि आखिर किस वजह से एक साधारण सा दिखने वाला युवक इंसानों की मौत का प्यासा हो गया।
पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया भी गया था
टैरंट ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स का रहने वाला है। उसने अपनी नापाक इरादे का जिक्र करते हुए 73 पेज का एक मैनिफेस्टो भी लिखा था, द ग्रेट रिप्लेसमेंट यानी महान बदलाव। इसमें टैरंट ने खुद को एक साधारण, श्वेत इंसान बताया है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में मुख्य आरोपी ने नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान समेत कई देशों की यात्राएं की थीं और इस दौरान उसके अनुभवों ने उसे 'मौत का सौदागर' बना दिया।
टैरंट ने मैनिफेस्टो में लिखा है कि वह एक वर्किंग क्लास और निम्न आय वाले परिवार में पैदा हुआ। स्कूल के बाद यूनिवर्सिटी जॉइन करने में उसकी कोई रुचि नहीं थी। कैंसर से उसके पिता की मौत करीब 8 साल पहले हो गई थी।
पैसे कमाए फिर दुनिया की सैर
49 मौतों के इस गुनहगार ने बताया है कि उसे बिटकॉइन ट्रेडिंग से काफी पैसे बनाए और उसके बाद 2011 में दुनिया की सैर पर निकल गया। उसने नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान और यूरोप समेत दुनिया के कई देशों की यात्राएं की। टैरंट को जानने वाली एक महिला ने बताया कि पर्सनल ट्रेनर के तौर पर काम करते समय वह अच्छा आदमी दिखता था। ऐसा लगता है कि यात्राओं के दौरान ही ऐसा कुछ हुआ जिससे वह कट्टरपंथी बन गया।
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