क्या गोरखपुर-फूलपुर की तरह लोकसभा चुनाव सपा-बसपा यूपी में बिगाड़ पाएंगी BJP की प्रतिष्ठा का खेल
इस बार देश के सबसे बड़े सूबे में भाजपा की साख दांव पर होगी तो वहीं सपा-बसपा गठबंधन के लिये भी यह चुनाव लिटमस टेस्ट की तरह होगा|लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है|उत्तर प्रदेश मेंइस बार बीजेपी की साख दांव पर है|तो वहीं सपा-बसपा गठबंधन का भी टेस्ट होना है| चुनाव आयोग ने रविवार को बहुप्रतीक्षित 17वीं लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी इस बार 11 अप्रैल से शुरु होने वाला चुनावी समर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही सियासी लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं|
इस बार देश के सबसे बड़े सूबे में भाजपा की साख दांव पर होगी| तो वहीं सपा-बसपा गठबंधन के लिये भी यह चुनाव लिटमस टेस्ट की तरह होगा चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होगा|आंकड़ो पर नजर डालें तो वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 71 और उसके सहयोगी अपना दल ने दो सीटें जीती थीं खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस बार 73 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है. ऐसे में भाजपा की साख सबसे ज्यादा दांव पर है| क्या गोरखपुर-फूलपुर की तरह सपा-बसपा यूपी में बिगाड़ पाएंगी बीजेपी का खेल यूपी में इस बार बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर है|
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