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Sunday, April 21, 2019

मोनालिसा पर नए खुलासे ने फिर दुनिया को चौंकाया, एक शोध के बाद पुराने दावों को किया खारिज

मोनालिसा पर नए खुलासे ने फिर दुनिया को चौंकाया, एक शोध के बाद पुराने दावों को किया खारिज

New disclosures on Monalisa surprised the world again, after the research, rejected old claims


इटली के जाने माने चित्रकार लियोनार्डो द विन्चि की मशहूर कलाकृति मोनालिसा को लेकर फिर एक बड़ा खुलासा हुआ है. हाल में आई एक स्टडी के अनुसार चित्र में मौजूद महिला थाईरॉइड की बीमारी से पीड़ित थी. लेकिन अब एक इस बात को खारिज कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास हेल्‍थ साइंस सेंटर के माईकल याफी के अनुसार इस पेंटिंग में को देखने के बाद ऐसा नहीं लगता है कि कहीं भी गॉयटॉर या फर थाईरॉइड ग्लैंड सूज रही है. गौरतलब है कि 1500 में लीसा घेरारदिनी की इस पेंटिंग के बनने के बाद से ही हजारों लोगों के साथ ही इस तस्वीर ने वैज्ञानिकों का भी ध्यान अपनी ओर खींचा था|

इसलिए बताया था महिला है बीमार

रिसर्चर्स ने पेंटिंग में मौजूद महिला को बीमार बताने के पीछे कई कारण बताए थे. उन्होंने कहा था कि उनकी थॉइरॉइड ग्लैंड इस पेंटिंग में बढ़ी हुई दिखाई दे रही है. साथ ही इस पेंटिंग में महिला का रंग पीला पड़ रहा है, वहीं उसकी पलकें भी नहीं हैं जो इस बीमारी की तरफ इशारा कर रही हैं. साथ ही रिसर्चर ने कहा था कि महिला की रहस्यमयी मुस्कान यह इशारा कर रही है कि उसे साइकोमोटर रिटार्डेशन है और साथ ही उसकी मांसपेशियां भी कमजोर हैं.

लोगों के सामने सच लाना था

याफी ने कहा कि मोनालिसा की पेंटिंग की सच्चाई लोगों के सामने लाना मुझे मेरी जिम्मेदारी लगी. इसलिए इस पेंटिंग को 21वीं सदी की एक ओपिनियन देना जरूरी था. इसलिए इसकी पूरी स्टडी की गई और आखिर में हम इसी निष्कर्ष पर पहुंचे कि ऐसा कुछ नहीं था. याफी ने कहा कि पुरानी पेंटिंग्स और स्कल्पचर्स को देखा जाए तो यह साफ हो जाएगा किस पुराने समय में ऐसी ही कलाकृतियां बनाई जाती रही हैं. इसके लिए हम मिस्‍त्र में बने स्कल्पचर्स को देख सकते हैं. याफी ने कहा कि स्किन का पीला होना यह नहीं बताता कि वे इस तरह की किसी बीमारी से पीड़ित थीं. क्योंकि इस बीमारी में यह लक्षण अंत के स्तर पर आते हैं और उनकी सेहत को देख कर ऐसा प्रतीत नहीं होता|

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