2019:- के मॉनसून सीजन के दौरान आर्थिक अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
economic economy will get strength during the monsoon season of 2019भारत में इस साल मॉनसून की बारिश सामान्य रह सकती है| भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी है. इससे कृषि पैदावार अच्छी होगी और देश की अर्थव्यवस्था को गति को मजबूत आधार मिलेगा गौरतलब है कि देश की करीब आधी खेती की जमीन सिंचाई के लिए मॉनसूनी बारिश पर ही निर्भर रहती है पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन ने कहा कि दीर्घकालिक अवधि में मॉनसून की बारिश का औसत 96 फीसदी रहने की उम्मीद है| मौसम विभाग 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच हुई बारिश को औसत या सामान्य मानसून के रूप में परिभाषित करता है|आईएमडी ने अपने अनुमान में कहा है कुल मिलाकर 2019 के मॉनसून सीजन के दौरान देश में मॉनसून की वर्षा का वितरण काफी अच्छा रहेगा जिससे खरीफ के सीजन में किसानों को फायदा होगा| सामान्य मॉनसून से खरीफ सीजन में फसल अच्छी होगी और पैदावार अच्छी होने से ग्रामीण इलाके में लोगों की आय बढ़ेगी और उपभोक्ता वस्तुओं पर खर्च बढ़ेगा|
यदि मॉनसून की वजह से पैदावार अच्छी हुई तो आगे भी महंगाई नियंत्रण में रहेगी रिजर्व बैंक अपने मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा लोकसभा चुनाव के बाद 6 जून को करने वाला है|
हालांकि इसका एक नुकसान यह है कि अच्छी पैदावार होने से फसलों की कीमत कम रहेगी और इससे किसानों के लिए कुछ मुश्किल बढ़ सकती है| लगातार पांच महीने तक गिरावट के सिलसिले के बाद देश में खाद्य वस्तुओं की खुदरा दर में 0.30 फीसदी की बढ़त हुई है| इस साल मॉनसून की बारिश सामान्य रहने की एक वजह यह है कि इस बार अल नीनो इफेक्ट नहीं है अल नीनो कमजोर पड़ रहा है और आगे इसका असर और कम होगा असल में अल नीनो के मजबूत होने से प्रशांत महासागर में समुद्री सतह गरम हो जाती है| और इससे भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्व एशिया में सूखा पड़ता है, जबकि दुनिया के दूसरे हिस्सों जैसे अमेरिका, मध्य-पूर्व और ब्राजील में मूसलाधार बारिश होती है मॉनसून की बारिश अच्छी होने से चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों का उत्पादन अच्छा होगा| इससे अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी|
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