लोकसभा चुनाव 2019: जानिए वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल कब हुआ
lok sabha election 2019: know when the vvpat machine was usedसबसे पहले वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल नगालैंड के चुनाव में 2013 में हुआ था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मशीन बनाने और इसके लिए पैसे मुहैया कराने के केंद्र सरकार को आदेश दिए थे| साल 2014 में कुछ जगहों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया था| 2014 के लोकसभा चुनाव में वीवीएपीएटी का इस्तेमाल लखनऊ, गांधीनगर, बैंगलोर दक्षिण, चेन्नई सेंट्रल, जादवपुर रायपुर, पटना साहिब और मिजोरम निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ था| भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने साल 2016 में 33,500 वीवीरपैट मशीन बनाईं साल 2017 में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में आयोग ने 52,000 वीवीपैट का इस्तेमाल किया|
वोट देने के लिए आपके पास वोटर आईडी कार्ड होना चाहिए साथ ही आपका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज होना चाहिए वोट दर्ज के करने के लिए जिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल होता है|
उसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, कहते हैं| इसमें दो इकाइयां होती हैं| एक के माध्यम से वोट दर्ज कराए जाते हैं जिसे मतदान इकाई कहते हैं| जबकि दूसरे से इसे नियंत्रित किया जाता है| जिसे कंट्रोल यूनिट कहा जाता है नियंत्रण इकाई मतदान अधिकारी के पास होती है| वहीं मतदाता इकाई मतदान कक्ष के भीतर रखी जाती है| इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन की मदद ली जा रही है| वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर उठ रहे सवालों के बाद से ही शुरू हुआ|
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